शिलाजीत का बढ़ता क्रेज, संभावित स्वास्थ्य लाभ और नुकसान

शिलाजीत: आजकल सोशल मीडिया, हेल्थ शोज़ और फिटनेस एक्सपर्ट्स की बातचीत में “शिलाजीत” नाम बार-बार सुनने को मिलता है। कहीं इसे पुरुषों की ताकत बढ़ाने वाला बताया जाता है, तो कहीं युवा बनाए रखने वाला रसायन। लेकिन क्या वाकई शिलाजीत इतना असरदार है? क्या महिलाएं भी इसे ले सकती हैं? इसके नुकसान क्या हैं? और आखिर ये बनता कैसे है? आइए, इन सभी सवालों का जवाब जानते हैं एक क्रमबद्ध और आसान भाषा में।

शिलाजीत
                            शिलाजीत

शिलाजीत क्या है?

शिलाजीत एक प्रकार का प्राकृतिक रेजिन (गाढ़ा रस या गोंद) है जो हिमालय, अफगानिस्तान, तिब्बत और रूस जैसे पर्वतीय इलाकों में चट्टानों की दरारों से निकलता है। यह भूरे से काले रंग का, गाढ़ा और चिपचिपा पदार्थ होता है। गर्मी में यह पिघलता है और ठंड में जम जाता है।

यह सदियों से आयुर्वेद में “रसयान” यानी कायाकल्प करने वाले पदार्थों में गिना गया है।

शिलाजीत कैसे बनता है?

शिलाजीत का निर्माण हजारों वर्षों में होता है। यह पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाले औषधीय पौधों, जड़ी-बूटियों और जैविक पदार्थों के सड़ने-गलने और दबने से बनता है। जब ये जैविक तत्व चट्टानों के बीच दबते हैं तो समय, तापमान और दवाब के साथ रासायनिक परिवर्तन होते हैं और शिलाजीत तैयार होता है।

शिलाजीत
          शिलाजीत

यह केवल प्राकृतिक तरीके से ही बन सकता है, इसलिए इसकी मात्रा सीमित होती है और यह महंगा भी होता है।

शिलाजीत का इतिहास:

शिलाजीत का उपयोग प्राचीन भारत, चीन और तिब्बत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में होता आया है। आयुर्वेद में इसे “चरक संहिता” और “सुश्रुत संहिता” में वर्णित किया गया है। इसे “शुद्ध शिलाजीत” कहकर प्रमाणीकरण भी दिया गया।

राजाओं की ताकत:

प्राचीन ग्रंथों में वर्णन मिलता है कि राजा-महाराजा और योद्धा इसे युद्ध से पहले ताकत और ऊर्जा के लिए सेवन करते थे। ऐसी मान्यता है कि महाराणा प्रताप और चाणक्य काल के योद्धाओं को दी जाने वाली विशेष औषधि में शिलाजीत जरूर होता था।

यह भी कहा जाता है कि तिब्बती भिक्षु और योगीगण हिमालय पर कठोर तपस्या के दौरान इसे लेते थे ताकि वे भूख-प्यास, थकान और उम्र के प्रभाव से बच सकें।

शिलाजीत के स्वास्थ्य लाभ (फायदे):

शिलाजीत में फुल्विक एसिड, मिनरल्स, और ट्रेस एलिमेंट्स भरपूर होते हैं। इसके कुछ प्रमुख लाभ निम्न हैं:

✅ 1. ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाता है

यह थकावट को दूर कर शरीर में नई ऊर्जा भरता है। यही कारण है कि जिम जाने वाले लोग इसे लेना पसंद करते हैं।

✅ 2. यौन स्वास्थ्य में सुधार

आयुर्वेद के अनुसार शिलाजीत पुरुषों में वीर्य गुणवत्ता, यौन इच्छा और प्रदर्शन को बेहतर बनाता है।

✅ 3. मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करता है

शिलाजीत में ज़िंक, आयरन, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो हड्डियों को मजबूत करते हैं।

✅ 4. मस्तिष्क के लिए उपयोगी

यह दिमाग को तेज़ करने, ध्यान केंद्रित करने और तनाव कम करने में मदद करता है।

✅ 5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है

शिलाजीत शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

क्या महिलाएं शिलाजीत ले सकती हैं?

जी हां, शिलाजीत केवल पुरुषों के लिए नहीं, बल्कि महिलाएं भी इसे सुरक्षित रूप से ले सकती हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेकर उचित मात्रा में लेने पर महिलाओं को भी कई लाभ मिलते हैं:

  • हार्मोन संतुलन में मदद

  • थायरॉइड और पीरियड की समस्याओं में सहायक

  • उम्र के प्रभाव को धीमा करता है (Anti-aging)

  • हड्डियों की मजबूती

  • तनाव और थकान में राहत

सावधानी: गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

शिलाजीत के संभावित नुकसान (Side Effects):

हालांकि शुद्ध शिलाजीत कम मात्रा में लेने पर सुरक्षित है, फिर भी कुछ नुकसान हो सकते हैं:

❌ 1. अशुद्ध शिलाजीत ज़हरीला हो सकता है

बाजार में कई नकली या अशुद्ध शिलाजीत मिलते हैं, जिनमें भारी धातुएं या रसायन होते हैं। ये शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

❌ 2. अत्यधिक मात्रा में नुकसानदेह

ज्यादा मात्रा में लेने से एलर्जी, पेट दर्द, सिरदर्द, चक्कर आदि हो सकते हैं।

❌ 3. ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज ध्यान दें

कम या अधिक ब्लड प्रेशर व शुगर के रोगी इसे लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

शुद्ध शिलाजीत कैसे पहचानें?

  • यह जल में पूरी तरह घुल जाता है।

  • गरम करने पर यह नरम होता है और ठंडा करने पर जम जाता है।

  • इसका स्वाद कड़वा और गंध मिट्टी जैसी होती है।

  • किसी भी ब्रांड का शिलाजीत लेने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांचें। आयुष मंत्रालय से मान्यता प्राप्त होना बेहतर है।

शिलाजीत का सेवन कैसे करें?

  • रोज़ाना सुबह खाली पेट 200 से 500 मिलीग्राम (एक मटर के दाने जितना) गर्म दूध या पानी में घोलकर ले सकते हैं।

  • 2-3 महीने के कोर्स में सेवन करें, फिर कुछ दिन का अंतराल ज़रूरी है।

नोट: बच्चों को या 18 साल से कम उम्र वालों को नहीं देना चाहिए।

शिलाजीत एक चमत्कारी प्राकृतिक औषधि है जो शरीर, मन और ऊर्जा के लिए फायदेमंद है। लेकिन इसे अंधविश्वास की तरह नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक समझ के साथ लेना चाहिए। शुद्धता की पहचान और मात्रा का ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है।

महत्वपूर्ण बात:
शिलाजीत को कोई चमत्कारी उपाय न समझें। यह जीवनशैली सुधार के साथ ही काम करता है। संतुलित खानपान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद के साथ इसका उपयोग असरदार होता है।

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