विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025: स्वस्थ जीवन की ओर एक कदम

विश्व तंबाकू निषेध दिवस: हर साल 31 मई को मनाया जाने वाला विश्व तंबाकू निषेध दिवस, लोगों को तंबाकू के घातक प्रभावों के प्रति जागरूक करने और तंबाकू सेवन छोड़ने के लिए प्रेरित करने का एक वैश्विक प्रयास है। आइये इस विषय में विस्तार से चर्चा करते है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस
                    विश्व तंबाकू निषेध दिवस

Table of Contents

📜 तंबाकू का इतिहास:

🔹 प्राचीन काल:

  • तंबाकू की उत्पत्ति अमेरिका महाद्वीप (मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका) में मानी जाती है।

  • लगभग 6000 ईसा पूर्व, अमेरिका के मूल निवासी (Native Americans) तंबाकू के पौधे को उगाते और इसका प्रयोग करते थे।

  • इसका उपयोग केवल धार्मिक, औषधीय और आध्यात्मिक कार्यों में किया जाता था — जैसे प्रार्थना, यज्ञ और ध्यान।

🔹 15वीं-16वीं शताब्दी: तंबाकू का यूरोप आगमन:

  • 1492: जब क्रिस्टोफर कोलंबस अमेरिका पहुँचे, तो वहां के निवासियों ने उन्हें तंबाकू उपहार में दिया।

  • इसके बाद स्पेन और पुर्तगाल के माध्यम से तंबाकू यूरोप पहुँचा और तेजी से लोकप्रिय हुआ।

  • 16वीं शताब्दी के अंत तक यह एक व्यापारिक फसल बन चुकी थी।

तंबाकू
                               तंबाकू

🔹 17वीं-18वीं शताब्दी: वैश्विक फैलाव:

  • तंबाकू को यूरोपीय उपनिवेशवादियों ने अफ्रीका, एशिया और भारत में फैलाया।

  • यह एक बड़ी नक़दी फसल (cash crop) बन गई, खासकर ब्रिटिश और डच उपनिवेशों में।

🔹 भारत में तंबाकू का आगमन:

  • तंबाकू भारत में 17वीं शताब्दी की शुरुआत में पुर्तगाली व्यापारियों के माध्यम से आया।

  • पहले-पहल तंबाकू का उपयोग हुक्का और बीड़ी के रूप में हुआ।

  • धीरे-धीरे यह भारत के कई हिस्सों में खेती योग्य फसल बन गया।

🔹 20वीं शताब्दी: उद्योग और व्यसन:
  • सिगरेट, बीड़ी, गुटखा और चबाने वाले तंबाकू का बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपभोग शुरू हुआ।

  • विज्ञापन और मार्केटिंग के ज़रिए तंबाकू एक लाइफस्टाइल प्रोडक्ट बन गया।

  • लेकिन जैसे-जैसे विज्ञान ने इसके दुष्परिणामों का खुलासा किया, तंबाकू विरोधी आंदोलन शुरू हुए।

🔹 21वीं शताब्दी: जागरूकता और नियंत्रण:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 1987 में “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” की शुरुआत की।

  • भारत में भी कोटपा कानून (COTPA Act – 2003), सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिबंध, पैकेट पर चेतावनी, आदि जैसे कदम उठाए गए।

  • अब कई देश तंबाकू मुक्त समाज की दिशा में काम कर रहे हैं।

तंबाकू स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है क्योंकि यह शरीर के लगभग हर हिस्से को प्रभावित करता है और कई गंभीर व जानलेवा बीमारियों का कारण बनता है। नीचे तंबाकू के हानिकारक प्रभावों की प्रमुख वजहें दी गई हैं:

🩺 1. कैंसर का मुख्य कारण:

तंबाकू में लगभग 70 से अधिक कैंसरकारी (Carcinogenic) रसायन पाए जाते हैं। यह इन अंगों में कैंसर का खतरा बढ़ाता है:

  • फेफड़े (Lung Cancer)

  • मुंह, गला और स्वर यंत्र (Oral, Throat Cancer)

  • पेट, पैंक्रियाज, मूत्राशय आदि

🫁 2. सांस संबंधी बीमारियाँ:

  • क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और एम्फायसीमा जैसी बीमारियाँ तंबाकू से जुड़ी हैं।

  • फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे दमा (Asthma) और COPD जैसी समस्याएं होती हैं।

❤️ 3. दिल की बीमारियाँ:

  • धूम्रपान और तंबाकू से ब्लड प्रेशर, हृदयाघात (Heart Attack) और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

  • रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा घटती है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।

🧠 4. मानसिक स्वास्थ्य पर असर:

  • निकोटीन से कुछ समय के लिए तनाव में राहत महसूस होती है, लेकिन लत लगने पर चिंता, अवसाद और चिड़चिड़ापन बढ़ता है।

👶 5. गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर प्रभाव:

  • गर्भवती महिला द्वारा तंबाकू सेवन करने पर गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है, जैसे:

    • समय से पहले जन्म

    • कम वज़न

    • नवजात मृत्यु का खतरा

🚭 6. दूसरों के लिए भी खतरनाक (Secondhand Smoke):

  • पास में बैठे लोगों को भी तंबाकू के धुएं से नुकसान होता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को।

🧪 7. लत और निर्भरता (Addiction):

  • तंबाकू में मौजूद निकोटीन एक शक्तिशाली नशा देने वाला रसायन है, जो व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से आसक्त (dependent) बना देता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 का विषय है:

🎯 “चमकदार उत्पाद, अंधे इरादे: आकर्षण का पर्दाफाश”

(अंग्रेज़ी में: “Bright Products. Dark Intentions. Unmasking the Appeal”)

इस वर्ष का विषय तंबाकू और निकोटीन उत्पादों के पीछे छिपी कंपनियों की रणनीतियों को उजागर करने पर केंद्रित है। विशेष रूप से, यह दिखाता है कि कैसे आकर्षक पैकेजिंग, मीठे फ्लेवर और सोशल मीडिया मार्केटिंग के माध्यम से युवा वर्ग को इन हानिकारक उत्पादों की ओर आकर्षित किया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य इन भ्रामक तकनीकों का पर्दाफाश करना और आने वाली पीढ़ियों को तंबाकू की लत से बचाना है।

WHO की वेबसाइट में आप इस विषय मे विस्तार से जान सकते हो:

https://www.who.int/europe/news-room/events/item/2025/05/31/default-calendar/world-no-tobacco-day-2025–unmasking-the-appeal


🇮🇳 भारत में तंबाकू उत्पादन के प्रमुख राज्य / क्षेत्र:

तंबाकू की खेती (तंबाकू उत्पादन) भारत में कई राज्यों में की जाती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ मिट्टी और जलवायु इसके अनुकूल होती है। भारत दुनिया में तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है (पहला चीन है)।

तंबाकू
                               तंबाकू
🌾 1. आंध्र प्रदेश
  • भारत का सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक राज्य

  • खासकर फ्लू-क्योरड वर्जीनिया तंबाकू (FCV tobacco) के लिए प्रसिद्ध

  • प्रमुख जिले: प्रकाशम, कृष्णा, गुंटूर

🌿 2. कर्नाटक
  • दूसरा प्रमुख राज्य FCV तंबाकू उत्पादन में

  • प्रमुख जिले: मैसूर, बेल्लारी, हावेरी

🍂 3. तेलंगाना
  • खेती और प्रसंस्करण दोनों के लिए जाना जाता है

  • पुराने हैदराबाद राज्य के हिस्से में तंबाकू की जड़ें हैं

🧺 4. गुजरात
  • बीड़ी तंबाकू (Bidi Tobacco) का बड़ा उत्पादक

  • खासकर कड़क तंबाकू की किस्में उगाई जाती हैं

  • प्रमुख जिले: कच्छ, बनासकांठा, महिसागर

🍁 5. उत्तर प्रदेश
  • बीड़ी और चबाने वाले तंबाकू के लिए

  • पूर्वी यूपी के कई जिलों में उत्पादन होता है

  • प्रमुख जिले: लखनऊ, बलिया, आज़मगढ़

🏞️ 6. बिहार और मध्य प्रदेश
  • मुख्य रूप से बीड़ी तंबाकू की खेती

  • मजदूर-आधारित खेती होती है, छोटे किसानों द्वारा


🧪 किस्में (Varieties of Tobacco in India):

  1. FCV (Flue-cured Virginia) – सिगरेट में इस्तेमाल होता है

  2. बर्ले (Burley) – चबाने वाला

  3. देशी तंबाकू – बीड़ी, हुक्का, गुटखा के लिए

  4. चेविंग टाइप्स – पान मसाला, जर्दा आदि में


⚠️ पर्यावरणीय और स्वास्थ्य प्रभाव (प्रोडक्शन से):

  • मिट्टी की उर्वरता कम होती है

  • रासायनिक कीटनाशकों का अधिक प्रयोग

  • किसानों और खेत मजदूरों को ग्रीन तंबाकू सिकनेस (Green Tobacco Sickness) जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं

तंबाकू का इतिहास आदिवासी परंपराओं से शुरू होकर औपनिवेशिक व्यापार, वैश्विक विपणन और अंततः जन स्वास्थ्य संकट में बदल गया है। अब यह मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती और चेतावनी बन चुका है।

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