बुनियादी कुकिंग तकनीकें: रसोई की वो बुनियादी कुकिंग तकनीकें जिन्हें हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते हैं: हर किसी को खाना बनाना नहीं आता, लेकिन जो बनाते हैं वो भी कई बार कुछ छोटी-छोटी मगर बेहद जरूरी बातों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे स्वाद और पौष्टिकता दोनों पर असर पड़ता है। रसोई में कुछ बेसिक टेक्निक होती हैं जिन्हें अपनाकर हम अपने खाने को और ज्यादा स्वादिष्ट, सेहतमंद और बेहतर बना सकते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही बेसिक कुकिंग तकनीकों के बारे में जिन्हें हम अक्सर भूल जाते हैं या उन्हें गंभीरता से नहीं लेते।

1. सभी सामग्री पहले से तैयार कर लेना (बुनियादी कुकिंग तकनीकें):
बुनियादी कुकिंग तकनीकें का पहला स्टेप, खाना बनाना शुरू करने से पहले सभी सब्जियों को काटना, मसाले निकाल कर रखना, गैस पर तवा या कड़ाही चढ़ा देना – यह सब एक प्रोफेशनल शेफ की तरह काम करने का पहला नियम है। लेकिन हममें से अधिकतर लोग खाना बनाते समय ही चीजें ढूंढने लगते हैं। इससे समय भी ज़्यादा लगता है और खाना भी कभी-कभी जल जाता है या स्वाद बिगड़ जाता है।
2. तवा या कड़ाही को सही तापमान पर गर्म करना
हममें से कई लोग बर्तन को ढंग से गर्म नहीं करते और उसमें तेल डाल देते हैं। इससे खाना चिपकने लगता है, खासकर तवे पर पराठा बनाते समय। तवे या पैन को मध्यम आंच पर एक-दो मिनट तक गर्म करें, फिर तेल डालें और उसके बाद सामग्री। इससे खाना अच्छे से सिकेगा और चिपकेगा नहीं।
3. सब्ज़ियों को ज़रूरत से ज़्यादा नहीं पकाना
कई बार हम सब्ज़ियों को जरूरत से ज्यादा पकाते हैं जिससे उनके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। सब्जियों को पकाने का सही तरीका है कि उन्हें सिर्फ उतना ही पकाएं जितना जरूरी हो। उबली सब्जियां या हल्की फ्राई की हुई सब्जियां ज्यादा हेल्दी होती हैं।
4. नमक और मसाले धीरे-धीरे डालना
अक्सर हम एक साथ सारा नमक और मसाले डाल देते हैं और फिर अगर ज्यादा हो गया तो उसका कोई इलाज नहीं। सबसे अच्छा तरीका है कि मसाले और नमक को थोड़ा-थोड़ा करके डालें और स्वाद चखते रहें। इससे बैलेंस बना रहेगा।
5. दाल या चावल बनाते समय पानी की मात्रा माप कर डालना
दाल और चावल बनाते समय हम पानी की मात्रा अंदाज़े से डालते हैं जो कई बार गड़बड़ कर जाती है। चावल में अगर पानी ज्यादा हो गया तो वह चिपचिपा हो जाएगा, और कम हो गया तो अधपका रहेगा। इसलिए पानी की मात्रा मापकर डालना जरूरी है। उदाहरण के लिए – 1 कप चावल के लिए 2 कप पानी।
6. तेल का सही इस्तेमाल
कई लोग खाना बनाते समय ज़रूरत से ज़्यादा तेल का इस्तेमाल करते हैं, जिससे खाना भारी और अनहेल्दी हो जाता है। तेल का इस्तेमाल उतना ही करें जितना आवश्यक हो। साथ ही, बार-बार इस्तेमाल किया हुआ तेल दोबारा इस्तेमाल ना करें, ये सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
7. ताजा मसालों का इस्तेमाल करना
ताजा पिसा हुआ अदरक-लहसुन या गरम मसाला, पहले से पैक मसालों की तुलना में कहीं ज्यादा खुशबूदार और स्वादिष्ट होता है। हम अक्सर समय बचाने के लिए रेडीमेड मसालों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अगर समय हो तो ताजे मसाले पिस कर इस्तेमाल करें।
8. खाना बनाने के बाद उसे थोड़ी देर ‘रिस्ट’ करने देना
यह एक बेहद जरूरी मगर अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली तकनीक है। जब हम खाना बना लेते हैं, खासकर बिरयानी, पुलाव या सब्जी, तो उसे परोसने से पहले कुछ मिनट ढककर छोड़ दें। इससे उसमें मसाले अच्छे से बैठते हैं और स्वाद बढ़ता है।
9. साफ-सफाई के नियम
खाना बनाने के बाद किचन की सफाई करना बहुत जरूरी है। लेकिन सफाई सिर्फ बाद में नहीं, बल्कि खाना बनाते समय भी ज़रूरी है। सब्जी काटने के बाद चॉपिंग बोर्ड धोना, एक ही चम्मच से बार-बार चीजें निकालने से बचना – ये सब जरूरी बातें हैं जो हम नजरअंदाज कर देते हैं।
10. ध्यान और धैर्य के साथ खाना बनाना
जल्दी में, फोन पर बात करते हुए या ध्यान भटकाकर खाना बनाने से या तो खाना जलता है या अधपका रह जाता है। खाना बनाना एक ध्यान की प्रक्रिया है। जितना प्यार और ध्यान देंगे, उतना ही स्वादिष्ट बनेगा।
रसोई कोई सिर्फ खाना बनाने की जगह नहीं, यह एक कला है। अगर हम कुछ बुनियादी तकनीकों को अपनाएं, तो हमारा खाना न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि सेहतमंद भी होगा। अगली बार जब आप रसोई में जाएं, तो इन छोटी-छोटी बातों को ज़रूर याद रखें – यही चीजें आपके खाने को खास बनाएंगी।