मुंबई में मूसलधार बारिश: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एक बार फिर मूसलधार मानसूनी बारिश की चपेट में आ गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मुंबई, ठाणे, पालघर और नवी मुंबई के लिए ऑरेंज अलर्ट, जबकि रायगढ़, पुणे और सतारा ज़िलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट 16 जून से 18 जून तक लागू रह सकता है। शहर के कई इलाकों में जलभराव, ट्रैफिक जाम, ट्रेनों की देरी और उड़ानों में बाधा जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं।
🚨 बारिश से कहां-कहां हुआ असर:
🛣️ सड़कें और ट्रैफिक जाम:
दक्षिण मुंबई और उपनगरीय इलाकों में पिछले 24 घंटे में 95 मिमी से ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। अंधेरी, कुर्ला, भायंदर, टीलक नगर, और चेंबूर जैसे इलाकों में जलभराव के कारण ट्रैफिक बाधित हो गया। नवी मुंबई के वाशी प्लाज़ा के पास एक सड़क धंस गई, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
🚆 लोकल ट्रेन और मेट्रो पर असर:
मुंबई की लाइफ़लाइन मानी जाने वाली लोकल ट्रेनें भी प्रभावित हुई हैं। सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे लाइन पर 20-30 मिनट तक की देरी देखी गई। वहीं, अंधेरी-घाटकोपर-वर्सोवा मेट्रो कॉरिडोर पर भी तेज़ हवाओं से ट्रैक पर प्लास्टिक उड़कर गिर गया, जिससे कुछ देर सेवा बाधित रही।
✈️ हवाई यात्रा पर असर और एडवायजरी:
इंडिगो, स्पाइसजेट और एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइंस ने यात्रियों को एडवायजरी जारी की है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) पर उड़ानों में देरी और संभावित रद्दीकरण के कारण यात्रियों को अतिरिक्त समय लेकर पहुंचने की सलाह दी गई है।
🚨 मानव जीवन पर असर: मौतें, बचाव और राहत कार्य:
महाराष्ट्र में 1 जून से अब तक 18 लोगों की मौत और 65 से अधिक घायल होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। रायगढ़ और कोंकण क्षेत्रों में नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। BMC (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) और NDRF की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया गया है।
🌀 बारिश के पीछे की वजह: मानसून की वापसी:
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों की सुस्ती के बाद अब मानसून ने पूर्वी बंगाल की खाड़ी से गति पकड़ी है। बंगाल की खाड़ी में सक्रिय सिस्टम और अरब सागर से आ रही नम हवाएं पश्चिमी महाराष्ट्र और गुजरात क्षेत्र में तेज़ बारिश ला रही हैं। इसके साथ ही एक चक्रवाती परिसंचरण प्रणाली राजस्थान के ऊपर और एक अप्पर एयर ट्रफ मराठवाड़ा से आंध्र तक फैली हुई है।
🏙️ मुंबई की समस्या: पुराना ड्रेनेज सिस्टम और जलभराव:
मुंबई का जलनिकासी सिस्टम अभी भी 100 साल पुराना है, जिसकी क्षमता केवल 25 मिमी प्रति घंटा है। ऐसे में जब एक घंटे में ही 80-100 मिमी बारिश हो जाती है, तो जलभराव होना तय है। हालांकि BMC ने शहर में पंपिंग स्टेशन और गटर सुधार के प्रयास किए हैं, लेकिन उन्हें पूरी तरह कार्यान्वित नहीं किया गया है।
📉 इतिहास गवाह है: पहले भी भारी बारिश में डूब चुका है मुंबई:
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26 जुलाई 2005 को मुंबई में 944 मिमी बारिश हुई थी, जिसने शहर की रफ्तार रोक दी थी।
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2021 में चेंबूर और विक्रोली में भूस्खलन की घटनाओं में 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि ग्लोबल वार्मिंग और समुद्री सतह का तापमान बढ़ने के कारण इस तरह की अतिवृष्टि की घटनाएं अब ज्यादा सामान्य होती जा रही हैं।
नागरिकों के लिए ज़रूरी सावधानियां:
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मौसम विभाग की चेतावनियों पर नज़र रखें।
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अनावश्यक यात्रा से बचें, खासकर जलभराव वाले क्षेत्रों में।
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मोबाइल में टॉर्च, बैटरी, फर्स्ट ऐड और ड्राई फूड्स रखें।
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बच्चों और बुज़ुर्गों को सुरक्षित जगह पर रखें।
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सोशल मीडिया पर गलत खबरों से सावधान रहें।
🔮 आगे क्या?
मुंबई में मूसलधार बारिश, IMD ने अगले 2–3 दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है। मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। सरकार और नागरिकों को मिलकर सतर्कता, तैयारी और त्वरित प्रतिक्रिया के साथ इस चुनौती का सामना करना होगा।
मुंबई के लिए मानसून केवल एक मौसम नहीं, बल्कि हर साल की चुनौती है। जब तक जलनिकासी प्रणाली और शहरी योजना को आधुनिक नहीं किया जाएगा, तब तक हर मानसून में यह शहर बार-बार डूबता रहेगा। इस बार चेतावनी है, अगली बार तैयारी होनी चाहिए।
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