भारत में आम की किस्में: इतिहास, उत्पत्ति और प्रमुख प्रकार

भारत में आम की किस्में: भारत को फलों का राजा – आम – का जन्मस्थान माना जाता है। हजारों वर्षों से आम भारतीय संस्कृति, खान-पान और कृषि का एक अभिन्न हिस्सा रहा है। न केवल स्वाद में विविधता बल्कि इसके रंग, आकार, रस और खुशबू में भी भारतीय आम विशिष्टता रखते हैं। भारत में आम की 1500 से भी अधिक किस्में पाई जाती हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही व्यावसायिक रूप से लोकप्रिय हैं। इस लेख में हम जानेंगे आम के इतिहास, उसकी उत्पत्ति और भारत में पाई जाने वाली प्रमुख किस्मों के बारे में।

भारत में आम की किस्में
भारत में आम की किस्में

आम का इतिहास और उत्पत्ति:

आम का वैज्ञानिक नाम Mangifera indica है। इसका मूल स्थान दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत, म्यांमार और बांग्लादेश को माना जाता है। इतिहासकारों के अनुसार आम की खेती भारत में लगभग 4000 साल पहले शुरू हुई थी।

  • प्राचीन भारतीय ग्रंथों, जैसे कि उपनिषद, पुराण, और बौद्ध साहित्य में आम का उल्लेख मिलता है।

  • गौतम बुद्ध ने आम के पेड़ों के नीचे ध्यान लगाया था।

  • सम्राट अशोक के काल में आम के बागानों को राजकीय संरक्षण मिला।

  • मुगल शासकों ने आम को विशेष स्थान दिया। अकबर ने दरभंगा (बिहार) में लाखी बाग नामक बाग लगाया जिसमें 1 लाख आम के पेड़ थे।

मुगलों ने आम की कई नई किस्मों को जन्म दिया और आम को एक “राजसी फल” का दर्जा दिया।

भारत में आम की किस्में (Types of Mangoes in India)

भारत में अलग-अलग क्षेत्रों की जलवायु और मिट्टी के अनुसार आम की विविध किस्में विकसित हुई हैं। नीचे कुछ प्रमुख किस्मों का विवरण दिया गया है:

1. दशहरी (Dasheri)

दशहरी
दशहरी
  • उत्पत्ति स्थान: काकोरी (लखनऊ), उत्तर प्रदेश

  • विशेषता: पतली गुठली, मधुर स्वाद, सुगंधित

  • फसल का समय: जून

  • दशहरी आम की गिनती उत्तर भारत की सबसे लोकप्रिय किस्मों में होती है। यह 18वीं सदी में विकसित हुआ था और आज भी यह आम का प्रमुख प्रकार है।

2. अल्फांसो / हापुस (Alphonso / Hapus)

अल्फांसो
अल्फांसो
  • उत्पत्ति स्थान: रत्नागिरी, महाराष्ट्र

  • विशेषता: गाढ़ा पीला रंग, मलाईदार गूदा, मीठा स्वाद

  • फसल का समय: अप्रैल – जून

  • इसका नाम पुर्तगाली जनरल Alfonso de Albuquerque के नाम पर पड़ा। यह आम विदेशों में भी खूब निर्यात किया जाता है।

3. चौसा (Chaunsa)

चौसा
चौसा
  • उत्पत्ति स्थान: उत्तर प्रदेश और बिहार

  • विशेषता: अत्यंत रसीला, मीठा, गूदा बिना रेशों के

  • फसल का समय: जुलाई – अगस्त

  • इसका नाम शेरशाह सूरी ने रखा था जब उन्होंने हुमायूं को चौसा की लड़ाई में हराया था।

4. लंगड़ा (Langra)

लंगड़ा
लंगड़ा
  • उत्पत्ति स्थान: वाराणसी, उत्तर प्रदेश

  • विशेषता: गाढ़ा हरा छिलका, खट्टा-मीठा स्वाद

  • फसल का समय: जून

  • माना जाता है कि यह आम एक लंगड़े फकीर के पेड़ से उत्पन्न हुआ था, इसलिए इसे “लंगड़ा” कहा गया।

5. केसर (Kesar)

केसर
केसर
  • उत्पत्ति स्थान: जूनागढ़, गुजरात

  • विशेषता: केसरिया रंग, मीठा और सुगंधित

  • फसल का समय: मई – जून

  • इसे “Gir Kesar” के नाम से भी जाना जाता है और यह GI टैग प्राप्त करने वाला पहला आम है।

6. तोतापुरी (Totapuri)

तोतापुरी
तोतापुरी
  • उत्पत्ति स्थान: कर्नाटक और आंध्र प्रदेश

  • विशेषता: लम्बी आकृति, कम मीठा, कच्चा खाने योग्य

  • फसल का समय: मई

  • इसका छिलका पतला और सख्त होता है। इसे अचार और पल्प बनाने में खूब इस्तेमाल किया जाता है।

7. बंबईया (Bombay Green / Malda)

बंबईया
बंबईया
  • उत्पत्ति स्थान: हरियाणा और पंजाब

  • विशेषता: जल्दी पकने वाला, रसीला

  • फसल का समय: मई

  • दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में यह आम बहुत लोकप्रिय है।

8. अम्रपाली (Amrapali)

अम्रपाली
अम्रपाली
  • उत्पत्ति स्थान: IARI, दिल्ली (दशहरी और नीलम की हाइब्रिड किस्म)

  • विशेषता: छोटा आकार, गाढ़ा गूदा, अत्यधिक मीठा

  • फसल का समय: जुलाई

  • यह आम वैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया था और घरों में लगाना काफी सरल है।

9. नीलम (Neelum)

नीलम
नीलम
  • उत्पत्ति स्थान: दक्षिण भारत

  • विशेषता: छोटे आकार का, मीठा और देर से पकने वाला

  • फसल का समय: जुलाई – अगस्त

  • इसे आमतौर पर अन्य किस्मों की समाप्ति के बाद बाजार में लाया जाता है।

10. हिमसागर (Himsagar)

हिमसागर
हिमसागर
  • उत्पत्ति स्थान: पश्चिम बंगाल

  • विशेषता: गाढ़ा मीठा स्वाद, कम रेशा

  • फसल का समय: मई – जून

  • इसे बंगाल के सबसे उत्तम आमों में गिना जाता है और निर्यात भी किया जाता है।

11. मलिका (Mallika)

मलिका
मलिका
  • उत्पत्ति स्थान: दशहरी और नीलम का संकरण

  • विशेषता: बहुत मीठा, कम रेशेदार

  • फसल का समय: जून – जुलाई

  • यह नई किस्म अपने स्वाद और रंग के लिए जानी जाती है।

12. फज़ली (Fazli)

फज़ली
फज़ली
  • उत्पत्ति स्थान: मालदा, पश्चिम बंगाल

  • विशेषता: बहुत बड़ा आकार, खट्टा-मीठा स्वाद

  • फसल का समय: जुलाई

  • यह आम अचार और आमपन्ना बनाने के लिए बहुत उपयुक्त होता है।

भारत में आम की खेती के क्षेत्र:

भारत के लगभग सभी राज्यों में आम की खेती होती है, परंतु कुछ राज्य अग्रणी हैं:

  • उत्तर प्रदेश (सबसे अधिक उत्पादन)

  • बिहार

  • आंध्र प्रदेश

  • महाराष्ट्र

  • गुजरात

  • कर्नाटक

  • पश्चिम बंगाल

भारत में आम की कुछ और प्रमुख किस्में (More Varieties of Mangoes in India):

13. सुधा आम (Sundarsha Mango)

  • क्षेत्र: उत्तर प्रदेश

  • बहुत मीठा और नरम गूदा, उच्च गुणवत्ता वाला आम।

14. बैंगनपल्ली (Banganapalli)

  • क्षेत्र: आंध्र प्रदेश और तेलंगाना

  • चमकदार पीला, कम रेशा, मीठा स्वाद। GI टैग प्राप्त।

  • निर्यात के लिए उपयुक्त किस्म।

15. सिंधुरी (Sindhura)

  • क्षेत्र: दक्षिण भारत

  • लाल और पीले रंग की बाहरी सतह, खट्टा-मीठा स्वाद।

  • विशेष रूप से जूस बनाने में उपयोगी।

16. सुर्वर्णरेखा (Suvarnarekha)

  • क्षेत्र: आंध्र प्रदेश

  • सुनहरे रंग वाला, हल्का रेशा, सुगंधित आम।

  • जल्दी पकने वाला।

17. मल्लिका (Mallika)

  • हाइब्रिड किस्म (नीलम और दशहरी से बनी)

  • गहरे नारंगी रंग की, उच्च चीनी मात्रा

  • बागवानी प्रेमियों में लोकप्रिय।

18. प्रिया (Priya)

  • हाइब्रिड आम, अच्छी उपज देने वाली किस्म

  • आंध्र प्रदेश, तेलंगाना में पाई जाती है।

19. नूरी (Noorjahan)

  • क्षेत्र: मध्य प्रदेश (अलिराजपुर)

  • विशेषता: बहुत बड़े आकार का आम (1.5 से 3 किलो तक)

  • उच्च बाजार मूल्य, सीमित संख्या में उपलब्ध।

20. इमाम पासंद (Imam Pasand)

  • क्षेत्र: आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु

  • शाही आम के नाम से जाना जाता है।

  • राजा-रजवाड़ों के दौर से प्रसिद्ध।

21. वलसा कलमी (Valsad Kalami)

  • क्षेत्र: गुजरात

  • छोटे आकार का, तीव्र मीठा स्वाद।

22. गोवा मंकुर (Goa Mankur)

  • गोवा की स्थानीय प्रजाति, छोटे लेकिन मीठे आम।

23. लालबाग आम (Lalbagh Mango)

  • कर्नाटक में लालबाग के बागानों में उगाई जाती है।

  • ऐतिहासिक और प्रदर्शनी में इस्तेमाल होने वाली किस्म।

🔬 हाइब्रिड व नई तकनीक से बनी आम की किस्में:

भारत में कई कृषि अनुसंधान संस्थानों जैसे IARI (Indian Agricultural Research Institute), ICAR द्वारा नई आम की किस्में भी विकसित की गई हैं:

  • रूचिका – मिठास और आकार के लिए प्रसिद्ध

  • मंजरी हापुस – अल्फांसो का सुधरा हुआ संस्करण

  • आर्किटेक – लंबी शेल्फ लाइफ और सुगंध

  • साम्राट – बड़े आकार का और जल्दी पकने वाला आम

📍 क्षेत्रवार आम की विशेष किस्में:

राज्य प्रमुख किस्में
उत्तर प्रदेश दशहरी, लंगड़ा, चौसा, सुधा
बिहार फज़ली, ज़र्दालू, चौसा
महाराष्ट्र हापुस, मंझरी, रत्नागिरी
गुजरात केसर, वलसाड कलमी
आंध्र प्रदेश तोतापुरी, बैंगनपल्ली, इमाम पासंद
कर्नाटक सिंधूरी, नीलम
तमिलनाडु इमाम पासंद, अल्फांसो (कुछ क्षेत्रों में)
पश्चिम बंगाल हिमसागर, फज़ली, मलदा
मध्य प्रदेश नूरी (नोरजहाँ), दशहरी

भारत में आम की विविधता आश्चर्यजनक है – हर राज्य की अपनी खास किस्म होती है। जलवायु, मिट्टी, और कृषि तकनीक के अनुसार यहां की आम की किस्में स्वाद, रंग और आकार में अलग-अलग होती हैं। हर आम एक सांस्कृतिक कहानी, स्वाद की गहराई और ऐतिहासिक महत्व लिए हुए है।

आधुनिक समय में आम:

आज भारत आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है और विभिन्न किस्मों का निर्यात भी करता है। भारतीय आम को खाड़ी देशों, यूरोप और अमेरिका में भारी मांग मिलती है। साथ ही, आम आधारित उत्पाद जैसे – आमरस, आमपापड़, अचार, आम की चटनी और जूस भी लोकप्रिय हैं।

आम केवल एक फल नहीं, बल्कि भारतीय जीवनशैली का हिस्सा है। हर आम की किस्म में एक कहानी, एक इतिहास और एक सांस्कृतिक महत्व छिपा है। भारत में आम की विविधता न केवल स्वादों का खजाना है, बल्कि यह देश की जलवायु, परंपरा और कृषि विज्ञान का परिचायक भी है।

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