ताहिनी (Tahini) एक गाढ़ा और क्रीमी पेस्ट होता है जो तिल (सफेद तिल) को भूनकर और पीसकर बनाया जाता है। यह स्वाद में हल्का कड़वा, मिट्टी जैसा और पौष्टिकता से भरपूर होता है। यह मध्य पूर्व (Middle East), भूमध्यसागरीय (Mediterranean) और अफ्रीकी व्यंजनों का अहम हिस्सा है। हुमस, बाबागनूश और कई सॉसों में इसका उपयोग किया जाता है।
ताहिनी का इतिहास:
इसका इतिहास बहुत पुराना है। इसका सबसे पहला उल्लेख 13वीं सदी के अरब कुकबुक्स में मिलता है, जहाँ इसे “अरदह” कहा गया था। अरब जगत में तिल को पवित्र और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। मिस्र, लेबनान, तुर्की, सीरिया और ईरान जैसे देशों में इसका उपयोग आम रहा है।
अरबों में ताहिनी और खजूर का मेल:
अरब देशों में ताहिनी को खजूर (Dates) के साथ खाया जाना एक पारंपरिक और लोकप्रिय स्नैक है। इसे अक्सर इफ्तार (रमज़ान के उपवास खोलने) के समय खाया जाता है।
इसका तरीका भी बड़ा दिलचस्प है — खजूर को बीच से काटकर उसका बीज निकाल लिया जाता है और उसमें ताहिनी भरा जाता है या फिर खजूर को ताहिनी में डुबोकर खाया जाता है। खजूर की मिठास और ताहिनी की हल्की कड़वाहट मिलकर एक अनोखा स्वाद देते हैं। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी होता है – फाइबर, हेल्दी फैट्स और मिनरल्स से भरपूर।
मुगल रसोई और तिल का उपयोग:
भारत में मुगल काल के दौरान जब फारसी और तुर्की खानपान की चीजें आईं, तब भी ताहिनी जैसे व्यंजन भारतीय रसोई में प्रवेश करने लगे। मुगलों की रसोई में तिल और खजूर दोनों का बहुत उपयोग होता था, और ताहिनी जैसे पेस्ट को मिठाइयों और डिप्स के रूप में प्रयोग किया जाने लगा
ताहिनी बनाने की सामग्री:
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सफेद तिल – 1 कप
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तिल का तेल (या कोई हल्का तेल) – 2-4 टेबल स्पून
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नमक – एक चुटकी (वैकल्पिक)
ताहिनी बनाने की विधि:
1. तिल को भूनना:
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सबसे पहले एक कड़ाही में 1 कप सफेद तिल डालें।
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धीमी आंच पर 3-5 मिनट तक भूनें जब तक हल्का सुनहरा रंग न आ जाए और खुशबू न आने लगे।
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ध्यान रखें कि तिल जल न जाए, वरना ताहिनी कड़वी हो जाएगी।
2. ठंडा करना:
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भुने हुए तिल को एक प्लेट में निकालकर पूरी तरह से ठंडा होने दें।
3. पीसना:
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अब ठंडे तिल को मिक्सर ग्राइंडर या फूड प्रोसेसर में डालें और पीसें।
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बीच-बीच में चम्मच से किनारे साफ करते रहें।
4. तेल डालना:
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जब तिल थोड़ा पिस जाए तो 2 टेबल स्पून तेल डालें और फिर पीसें।
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अगर पेस्ट गाढ़ा लगे तो और थोड़ा तेल डाल सकते हैं।
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अंत में एक स्मूद और बहने योग्य पेस्ट तैयार हो जाना चाहिए।
5. स्टोर करना:
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तैयार ताहिनी को एक एयरटाइट जार में डालें।
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इसे फ्रिज में 3-4 हफ्तों तक स्टोर किया जा सकता है।
उपयोग और परंपरा:
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ताहिनी को हुमस, रैप्स, सलाद ड्रेसिंग, ब्रेड स्प्रेड, और डिप के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
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खजूर के साथ इसका सेवन अरबों में आम है और अब ये संयोजन पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है।
स्वास्थ्य लाभ:
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प्रोटीन से भरपूर: शाकाहारी लोगों के लिए यह एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है।
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स्वस्थ वसा: इसमें मोनोसैचुरेटेड फैट्स होते हैं जो दिल के लिए अच्छे होते हैं।
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कैल्शियम और आयरन: हड्डियों और खून के लिए जरूरी तत्व इसमें पाए जाते हैं।
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फाइबर: पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
यह भारत में पहुँची तो अरब व्यापारियों और मुगल शाही रसोई के रास्ते, लेकिन आज यह आधुनिक हेल्दी फूड ट्रेंड के साथ भी लोगों के दिल में बस गई है। यह सिर्फ एक डिप नहीं, बल्कि एक इतिहास है – जो तिल की महक से शुरू होकर अरब के खजूरों की मिठास तक जाता है। जब आप इसे घर पर बनाएँ और खजूर में डुबाकर खाएँ, तो समझिए कि आप हजारों साल पुरानी एक परंपरा का हिस्सा बन रहे हैं — एक स्वाद, जो समय की सीमा को लांघता है।
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