जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: 27 जून से 5 जुलाई तक नौ दिवसीय भव्य आयोजन

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025👉 27 जून से 5 जुलाई तक चलेगा ये नौ दिवसीय पावन उत्सव

ओडिशा के पुरी शहर में होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 की तारीखें तय हो चुकी हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पुरी पहुंचते हैं, भगवान जगन्नाथ के दर्शन और उनके रथ को खींचने का सौभाग्य पाने के लिए।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025
              जगन्नाथ रथ यात्रा 2025

🙏 जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 क्या है?

जगन्नाथ रथ यात्रा एक खास मौका होता है जब भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा अपने भव्य रथों में सवार होकर पुरी के मुख्य मंदिर (श्री जगन्नाथ मंदिर) से निकलते हैं और गुंडिचा मंदिर तक की यात्रा करते हैं। यह यात्रा लगभग 3 किलोमीटर की होती है।

इन रथों को लकड़ी से खास पारंपरिक शैली में बनाया जाता है, और इनमें किसी भी धातु का प्रयोग नहीं होता। हर साल रथ नए बनाए जाते हैं।

🛕 गुंडिचा मंदिर की यात्रा क्यों?

एक लोककथा के अनुसार, देवी सुभद्रा ने बचपन में इच्छा जताई थी कि वह अपने मायके (गुंडिचा मंदिर) जाना चाहती हैं। इसलिए हर साल भाई जगन्नाथ और बलभद्र उन्हें रथ पर बैठाकर वहां ले जाते हैं। भक्त इसे ‘भगवान की यात्रा’ मानते हैं। गुंडिचा मंदिर को ‘मायका मंदिर’ भी कहा जाता है।

🚩 कैसे होता है आयोजन?

  1. स्नान पूर्णिमा के दिन (इस बार 11–12 जून को), भगवान की मूर्तियों को 108 कलशों से स्नान कराया जाता है।

  2. फिर भगवान को विश्राम (अनवासर) दिया जाता है, जिसमें 15 दिन तक मूर्तियाँ आम भक्तों के दर्शन से दूर रहती हैं।

  3. रथ यात्रा के दिन (27 जून), तीनों देवताओं को पारंपरिक संगीत और मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर से बाहर लाया जाता है – इस प्रक्रिया को ‘पाहंडी’ कहा जाता है।

  4. तीन भव्य रथ तैयार रहते हैं:

    • नंदीघोष (भगवान जगन्नाथ का – 18 पहियों वाला)

    • तालध्वज (बलभद्र का – 16 पहियों वाला)

    • दर्पदलना (सुभद्रा का – 14 पहियों वाला)

  5. भक्त इन रथों की रस्सियों को खींचते हुए गुंडिचा मंदिर तक ले जाते हैं।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025
                  जगन्नाथ रथ यात्रा 2025

🎊 क्या होता है नौ दिन में?

  • 1 जुलाई को देवी लक्ष्मी भगवान से नाराज होकर ‘हेरा पंचमी’ के दिन गुंडिचा मंदिर आती हैं और संकेत देती हैं कि घर लौट चलो।

  • 4 जुलाई को बहुदा यात्रा (वापसी यात्रा) होती है।

  • 5 जुलाई को भगवान को सोने के वस्त्र पहनाए जाते हैं – इसे सुनाभेष कहते हैं।

  • इसी दिन सभी देवताओं को वापस जगन्नाथ मंदिर लाया जाता है – इसे नीलाद्री विजय कहा जाता है।

📅 जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 — कार्यक्रम सारांश

श्रेणी दिनांक विवरण
स्नानपूर्णिमा 11–12 जून  मंदिर परिसर में पवित्र स्नान समारोह से प्रारंभ , 108 कलश जल से स्नान करवाया जाता है।|
अनवासर (आराम काल) 13–26 जून  स्नान के उपरांत मूर्तियाँ दर्शन वंदनीय नहीं, विश्राम काल माना जाता है ।
गुंडिचा मर्जना 26 जून  गुंडिचा मन्दिर और मार्ग की सफाई–सजावट
मुख्य रथ उत्सव 27 जून  भगवान जगन्नाथ (नंदीघोष—18 पहिए), बलभद्र (तालध्वज—16 पहिए), सुभद्रा (दर्पदालना—14 पहिए) की रथ   यात्रा शुरू ।
हेरी पंचमी 1 जुलाई  लक्ष्मी देवी भगवान से प्रेम रूपी चिढ़ाने उनके पीछे जती हैं ।
बहुदा यात्रा 4 जुलाई  लौटते समय मंगल रस्म

| सुनाभेष | 5 जुलाई | सोने की पोशाक में भगवान दिखाई देते हैं ।|
| नीलाद्री विजय | 5 जुलाई | सब मूर्तियाँ नीलाद्री (मुख्य मंदिर) में वापसी करती हैं ।|

🌍 क्यों खास है रथ यात्रा?

  • जगन्नाथ रथ यात्रा 2025, दुनिया का सबसे बड़ा चल समारोह माना जाता है। लाखों लोग एक ही दिन भगवान के रथ को खींचते हैं – बिना किसी जाति, धर्म या वर्ग के भेदभाव के।

  • यहां तक कि पुरी के राजा भी झाड़ू लगाकर रथों की सफाई करते हैं, ताकि सबको यह संदेश जाए कि भगवान के सामने सब बराबर हैं। इस रस्म को चेरा पहांरा कहते हैं।

  • जगन्नाथ रथ यात्रा 2025, की शुरुआत 12वीं सदी में मानी जाती है और तब से यह परंपरा निर्बाध रूप से चल रही है।

📱 इस बार की यात्रा में क्या नया है?

  • ओडिशा सरकार ने ‘श्री जगन्नाथ धाम’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, जिससे यात्री रथ यात्रा से जुड़ी हर जानकारी जैसे टाइमिंग, भीड़ का स्तर, दर्शन व्यवस्था आदि जान सकते हैं।

  • सुरक्षा के लिए विशेष नियम लागू होंगे – मोबाइल पर प्रतिबंध, VIP एंट्री सीमित, CCTV निगरानी, और हेल्पलाइन नंबर जारी होंगे।

जगन्नाथ रथ यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक उत्सव है, जिसमें लाखों लोग सिर्फ भगवान के दर्शन के लिए नहीं, बल्कि एकजुटता, भक्ति और मानवता के दर्शन के लिए भी आते हैं। 11 जून को हुए स्नान‑पूर्णिमा से शुरू हुई यह यात्रा 5 जुलाई को नीलाद्री‑विजय तक फैली है, जिसमें 27 जून को मुख्य रथ यात्रा होगी

इस बार 2025 में, 27 जून से 5 जुलाई तक होने वाली रथ यात्रा का हिस्सा बनने का अवसर निश्चित ही आपके जीवन का सबसे पावन अनुभव बन सकता है।

जय जगन्नाथ! 🛕🌼🚩

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