चैंसू भात: चैंसू (ज्यादातर Chainsoo कहा जाता है) उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र—विशेषकर गढ़वाल एवं कुमाऊँ—में लंबे समय से बनाए जाने वाली उड़द की दाल से बनने वाली पारंपरिक डिश है। इसे सर्दियों में या त्योहारों पर विशेष रूप से बनाया जाता रहा है क्योंकि यह ऊर्जा‑वर्धक व प्रोटीनयुक्त होती है।

नाम “चैंसू/चैनसू” संभवतः स्थानीय बोलचाल का विकृत रूप है, जो दाल के पेस्ट और भात के संयोजन को दर्शाता है। कुमाऊँ में कुछ लोग इसे ‘चैसोणी’ या ‘चैसा’ भी कहते हैं । गढ़वाल में इसे चैंसू ‘Chainsoo’ कहा जाता है।
गढ़वाल और कुमाऊं की संयुक्त विरासत:
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चैंसू/चैनसू दोनों क्षेत्रों में समान रूप से प्रचलित व्यंजन है, हालांकि उच्चारण और मसाले थोड़े भिन्न हो सकते हैं।
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गढ़वाल क्षेत्र में यह अधिक “Chainsoo” नाम से जाना जाता है, जबकि कुमाऊं में इसे कई बार “चैसा” या “चैसोनी” भी कहते हैं।
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इस व्यंजन का कोई “लिखित” इतिहास नहीं है, क्योंकि यह पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक परंपरा के माध्यम से घरों में सिखाया और बनाया जाता रहा है।
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कुछ बुजुर्ग कुमाऊंनी और गढ़वाली लोग इसे “गांव की ठंड में ताकत देने वाला खाना” कहते हैं।

🧂 सामग्री (4 व्यक्तियों के लिए):
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काली उड़द दाल (Sabut Urad) – 1 कप
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सरसों का तेल या घी – 2–3 बड़े चम्मच
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लहसुन – 4–6 कलियाँ (कूट कर रख लें)
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अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
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जीरा – 1 छोटा चम्मच
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सूखी लाल मिर्च – 2–3 पूरी
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काली मिर्च – 4–5 दाने (पूरी)
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हींग – एक चुटकी
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हल्दी पाउडर – ½ छोटा चम्मच
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धनिया पाउडर – ½ छोटा चम्मच
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लाल मिर्च पाउडर – ½ छोटा चम्मच
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गरम मसाला – ½ छोटा चम्मच (वैकल्पिक)
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टमाटर या इमली का पेस्ट – 1–2 बड़े चम्मच
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नमक – स्वाद अनुसार
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पानी – आवश्यकतानुसार लगभग 3 कप
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तड़का/गर्निश: जाख्या, घी, हरा धनिया
विधि:
1. उड़द दाल की तैयारी और भूनना
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दाल को धोकर 10 मिनट भिगोये, फिर अच्छी तरह सुखा लें।
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तेल विहीन कढ़ाही में मध्यम‑धीमी आंच पर भूनें, जब तक हल्की खुशबू आने लगे और थोड़ा भूरा रंग आ जाए।
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ठंडा करके दरदरा पीस लें ताकि थोड़ा दानेदार पेस्ट तैयार हो।
2. मसाला पेस्ट तैयार करना
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लहसुन‑अदरक, काली मिर्च, थोड़ी नमक मिलाकर मोटे पेस्ट की तरह पीस लें।
3. दाल पकाना
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कढ़ाही में तेल/घी गर्म करें।
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सबसे पहले हींग, जीरा, सूखी लाल मिर्च, जाख्या डाले।
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लहसुन‑अदरक‑काली मिर्च का पेस्ट डालकर 1 मिनट भूनें।
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भुने हुए उड़द पेस्ट डालकर 2–3 मिनट भूनें।
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अब हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर डालें; फिर पेस्ट में टमाटर या इमली का पेस्ट डालें और १–२ मिनट पकाएं।
4. पकाना
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धीरे‑धीरे पानी डालें और चलाते रहें ताकि गाढ़ा सौम्य मिश्रण बने।
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नमक डालें, ढककर धीमी आंच पर 10–15 मिनट पकाएँ, बीच‑बीच में चलाते रहें।
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पकते समय गरम मसाला डालें (वैकल्पिक) ।
5. तड़का और परोसना
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एक छोटी कड़ाही में घी गर्म करें, उसमें सूखी लाल मिर्च, जाख्या डालकर कुछ सेकंड तड़का दें।
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इस तड़के को दाल पर डालें, हरा धनिया छिड़कें।
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गरम‑गरम चावल (भात) के साथ परोसें। चैनसू भात तैयार!
🍚 परोसने का पारंपरिक तरीका:
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इसे भात (चावल) के साथ सर्व किया जाता है, जिसे ग्रामीण घरों में कुमाऊँनी ठाली(चैंसू भात) में परोसा जाता है।
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साथ में मूली का थेचुआ, हरी चटनी (नींबू–पुदीना), घी या लोणचा भी ज़बर्दस्त विलय बनाते हैं।
💡 उपयोगी टिप्स और लोकप्रिय टिप्पणियाँ:
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पकाए बिना भूनना छोड़ना गलतियाँ:
“सबसे बड़ी गलतियों में से एक है दाल को कम भूनना… अगर एस ठीक से नहीं भूना गया है, तो स्वाद फीका हो जाएगा” ।
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गाढ़ापन बनाए रखें:
“चैंसू पारंपरिक रूप से गाढ़ी, लगभग पेस्ट जैसी दाल होती है… ज्यादा पानी डालना इससे पानीदार बना देगा” ।
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लोहे की कढ़ाही में पकाएँ:
“In kumaon Not chaunsa but chais. … It’s not authentic if it’s not in black iron kadhai.”
पोषण और लाभ:
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उड़द दाल में उच्च मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, फोलिक एसिड एवं कैल्शियम–फास्फोरस होते हैं जिससे यह सर्दियों में ऊर्जा प्रदान करती है ।
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सरसों के तेल या घी में स्वस्थ वसा व स्वाद बढ़ाने वाले गुण होते हैं।
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लहसुन‑अदरक पाचन शक्ति बढ़ाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता में सहायक होते हैं।
चैंसू भात केवल एक व्यंजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की पारंपरिक पहचान और पर्वती जीवनशैली का प्रतीक है। इसे अपने घर में बनाकर आप पहाड़ों का सवर्ण स्वाद और पोषण का संतुलन दोनों ही पा सकते हैं।
आइये आज ही ट्राय करें चैंसू भात — और इस पौष्टिक, स्वादिष्ट और सांस्कृतिक संपन्न भोजन को अपनी रसोई में उतारें!
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