क्या प्रोटीन पाउडर सुरक्षित है? जानिए इसके बढ़ते चलन, मिलावट और सच्चाई का पूरा सच

आजकल हर दूसरा युवा जिम जा रहा है, फिटनेस की बातें कर रहा है, और साथ में एक शब्द अक्सर सुनाई देता है – प्रोटीन पाउडर। चाहे सोशल मीडिया हो या जिम ट्रेनर की सलाह, हर जगह यही कहा जाता है कि “प्रोटीन ज़रूरी है मसल्स के लिए।” लेकिन क्या वाकई प्रोटीन पाउडर सुरक्षित है? क्या इसके बिना बॉडी बनाना मुश्किल है? और इसमें मिलावट की सच्चाई क्या है?

प्रोटीन पाउडर
प्रोटीन पाउडर

इस ब्लॉग में हम जानेंगे प्रोटीन पाउडर का बढ़ता चलन क्यों है, यह कितना सुरक्षित है, इसमें क्या-क्या मिलावट हो सकती है, और इसे लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रोटीन पाउडर क्या है?

प्रोटीन पाउडर दरअसल एक डाइटरी सप्लिमेंट है, जो दूध (व्हे प्रोटीन), सोया, मटर, अंडा, या अन्य स्रोतों से प्राप्त प्रोटीन को प्रोसेस करके बनाया जाता है। इसका उद्देश्य है शरीर को उच्च मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध कराना, जो मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत के लिए आवश्यक होता है।

आजकल इसका चलन क्यों बढ़ा है?

(i) फिटनेस का बढ़ता क्रेज:

आज का युवा फिटनेस को लेकर अधिक जागरूक है। बॉडी बिल्डिंग, वेट लॉस, मसल्स गेन – ये सब अब केवल शौक नहीं, बल्कि एक ट्रेंड बन गया है।

(ii) सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स:

फिटनेस इन्फ्लुएंसर लगातार अपने डाइट प्लान और सप्लिमेंट्स के बारे में जानकारी देते रहते हैं, जिससे लोग प्रभावित होकर बिना सोचे समझे सप्लिमेंट्स का उपयोग शुरू कर देते हैं।

(iii) त्वरित परिणाम की चाह:

लोग चाहते हैं कि जल्दी से बॉडी बने, मसल्स आएं। इस जल्दबाज़ी में वे प्राकृतिक तरीकों की बजाय शॉर्टकट (जैसे प्रोटीन पाउडर) अपनाते हैं।

(iv) जिम ट्रेनर की सलाह:

कई बार जिम ट्रेनर खुद ब्रांड्स से कमीशन पर जुड़े होते हैं और अधिक बेचने के लिए सप्लिमेंट की सलाह देते हैं, जिससे चलन बढ़ता है।

क्या प्रोटीन पाउडर सुरक्षित है?

प्रोटीन पाउडर अगर अच्छे ब्रांड और प्रमाणित स्रोत से खरीदा गया हो, और उचित मात्रा में लिया जाए, तो यह सामान्यतः सुरक्षित होता है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें जरूरी हैं:

  • आपकी उम्र और वजन के अनुसार मात्रा होनी चाहिए।

  • आपको किडनी, लिवर, या अन्य बीमारियाँ न हों।

  • प्राकृतिक भोजन से पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल पा रहा हो।

हालांकि, ज्यादा मात्रा में लेने या मिलावटी प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से नुकसान भी हो सकता है।

प्रोटीन पाउडर में मिलावट: एक छुपी सच्चाई:

भारतीय बाजार में मिलावटी प्रोटीन पाउडर का चलन भी तेज़ी से बढ़ा है। नकली या घटिया गुणवत्ता के पाउडर सस्ते में बेचे जाते हैं, जिनमें निम्नलिखित मिलावट देखी गई है:

(i) स्टेरॉइड्स की मिलावट:

कुछ नकली पाउडर में मसल्स तेजी से बढ़ाने वाले स्टेरॉइड्स मिलाए जाते हैं जो शरीर के लिए खतरनाक होते हैं।

(ii) नकली फ्लेवर और रंग:

स्वाद और रंग बढ़ाने के लिए कृत्रिम केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जो लिवर और आंतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

(iii) नॉन-प्रोटीन नाइट्रोजन:

कुछ कंपनियाँ स्पाइकिंग तकनीक से नॉन-प्रोटीन नाइट्रोजन जोड़कर लेबल पर प्रोटीन मात्रा अधिक दर्शाती हैं। इसका शरीर को कोई लाभ नहीं होता।

(iv) भारी धातुएं:

कुछ सस्ते पाउडर में सीसा (lead), आर्सेनिक, और मर्करी जैसी धातुएं पाई गई हैं जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

प्रोटीन पाउडर के संभावित नुकसान:

  • किडनी पर असर: अधिक प्रोटीन लेने से किडनी पर दबाव बढ़ सकता है, खासकर जिन लोगों को पहले से किडनी संबंधी समस्या हो।

  • पाचन समस्या: गैस, एसिडिटी, अपच जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

  • लिवर डैमेज: मिलावटी सप्लिमेंट लिवर को नुकसान पहुँचा सकते हैं।

  • हार्मोनल गड़बड़ी: स्टेरॉइड्स वाले नकली प्रोटीन हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं।

क्या प्राकृतिक प्रोटीन बेहतर नहीं है?

बिलकुल! हमारी रोज़मर्रा की डाइट में बहुत सारे प्राकृतिक प्रोटीन स्रोत उपलब्ध हैं:

  • दूध और दही

  • अंडा और चिकन

  • चना, दालें, मूंगफली

  • पनीर और टोफू

  • सोया और बीन्स

अगर संतुलित मात्रा में इनका सेवन किया जाए, तो सामान्य व्यक्ति को अतिरिक्त प्रोटीन पाउडर की जरूरत नहीं होती।

प्रोटीन पाउडर लेने से पहले ध्यान देने योग्य बातें:

  • हमेशा प्रमाणित ब्रांड का प्रोडक्ट लें।

  • FSSAI, GMP, और Lab-tested प्रोडक्ट चुनें।

  • डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह जरूर लें।

  • फिटनेस लक्ष्य और शरीर की ज़रूरत के अनुसार ही सेवन करें।

  • नकली प्रोडक्ट से बचने के लिए QR कोड या वेबसाइट से प्रामाणिकता जांचें।

प्रोटीन पाउडर
प्रोटीन पाउडर

प्रोटीन पाउडर आज की फिटनेस की दुनिया में आम बात हो गई है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर किसी को इसकी जरूरत हो। अगर आपका खानपान संतुलित है, तो प्राकृतिक स्रोतों से ही प्रोटीन लेना सबसे अच्छा और सुरक्षित विकल्प है।

अगर प्रोटीन पाउडर लेना जरूरी भी हो, तो हमेशा अच्छे ब्रांड और विशेषज्ञ की सलाह से ही लें। सस्ता और अनजान ब्रांड लेने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है।

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