क्या आपसे भी नहीं बनती फूली-फूली रोटी, तो आइये जानते है इसे बनाने का आसान तरीका

फूली रोटी: फूली हुई रोटी देखने में जितनी सुंदर लगती है, खाने में उतनी ही स्वादिष्ट और नरम होती है। यह रोटी मुख्यतः रोज़मर्रा के खाने में बनाई जाती है। आइये पहले जानते है इसका इतिहास:

फूली रोटी
                         फूली रोटी

रोटी का इतिहास (History of Roti in Hindi)

“रोटी” भारतीय रसोई की आत्मा है। यह न केवल एक भोजन है, बल्कि एक संस्कृति, एक परंपरा और एक भावना भी है जो पीढ़ियों से भारतीय जीवनशैली का हिस्सा रही है। रोटी का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है, और यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि मध्य एशिया और अफ्रीका जैसे कई क्षेत्रों में भी अपने अलग-अलग रूपों में देखी जाती है।

📜 रोटी का प्रारंभिक इतिहास:

  • वैदिक काल (~1500 ईसा पूर्व):
    भारत में अनाज आधारित भोजन का उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। उस समय गेहूं, जौ, और बाजरे से मोटी रोटियां बनाई जाती थीं, जिन्हें “पुरोडाश” कहा जाता था।

  • हड़प्पा सभ्यता (3300–1300 ईसा पूर्व):
    सिंधु घाटी सभ्यता में चूल्हा और आटे को बेलने के प्रमाण मिले हैं। इससे यह अनुमान लगाया जाता है कि रोटी जैसे व्यंजन प्राचीन भारतीय रसोई में मौजूद थे।

  • मौर्य और गुप्त काल:
    रोटी को शाही भोज में स्थान मिला था। उस समय गेहूं और अन्य मोटे अनाज की रोटियां बनती थीं जिन्हें सब्ज़ियों और दालों के साथ खाया जाता था।

🕌 मुगल काल में रोटी:

मुगल काल में रोटी का रूप और विस्तार और भी समृद्ध हुआ।

  • मुगलों ने नान, तंदूरी रोटी, और पराठों को लोकप्रिय किया।

  • लेकिन देसी रोटी — जो तवे पर बिना तेल के बनाई जाती है — आम जनता का प्रमुख भोजन बनी रही।

🏡 ग्रामीण भारत में रोटी:

  • गांवों में आज भी लकड़ी के चूल्हों पर रोटियाँ सेंकी जाती हैं।

  • बाजरा, ज्वार, मक्का की रोटियां अलग-अलग क्षेत्रों की पहचान हैं।

  • राजस्थान में बाजरे की रोटी, पंजाब में गेहूं की रोटी, महाराष्ट्र में ज्वार की भाकरी, और बिहार में सत्तू रोटी जैसे अनेक रूप देखने को मिलते हैं।

🌎 रोटी का वैश्विक रूप:

  • रोटी जैसे व्यंजन मध्य एशिया में ‘लवाश’, अरब देशों में ‘खुबुज’, और मैक्सिको में ‘टोर्तिला’ के रूप में मौजूद हैं।

  • लेकिन भारतीय रोटी का विशेष स्थान आज भी बरकरार है क्योंकि यह बिना किसी मशीन के, हाथ से बनाई जाती है और हर घर का एक खास हिस्सा होती है।

रोटी केवल भोजन नहीं, एक संस्कार है। यह भारत की सांस्कृतिक विविधता की मिसाल है, जो उत्तर में गेहूं, दक्षिण में चावल, पश्चिम में बाजरा, और पूर्व में मक्का जैसे अनाजों के साथ हर घर में अपने अनोखे स्वाद में ढल जाती है।

रोटी का इतिहास हमें बताता है कि कैसे साधारण सी चीज़ भी परंपरा, स्वाद और जीवनशैली में गहराई से जुड़ी होती है।

अब बनाते है गोल, नरम और फूली हुई रोटी :

फूली रोटी बनाने के लिए सामग्री (Ingredients):

  • गेहूं का आटा – 2 कप

  • पानी – आवश्यकतानुसार

  • नमक – 1 चुटकी (इच्छानुसार)

  • सूखा आटा – बेलने के लिए

बनाने की विधि (Recipe Steps):

1. आटा गूंथना:

  • एक परात (थाली) में गेहूं का आटा लें।

  • उसमें थोड़ा-सा नमक मिलाएं (अगर पसंद हो)।

  • धीरे-धीरे थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए नरम और चिकना आटा गूंथ लें।

  • आटे को 10–15 मिनट ढककर रख दें ताकि वह सैट हो जाए।

2. लोई बनाना:

  • आटे से छोटी-छोटी लोइयां (गेंद के आकार की) बना लें।

  • हर लोई को बेलने से पहले थोड़ा सूखा आटा लगाएं।

3. बेलना:

  • लोई को बेलन से गोल और पतली रोटी के आकार में बेलें।

  • ध्यान रखें कि रोटी ज़्यादा मोटी या ज़्यादा पतली न हो, समान मोटाई में हो।

4. सेंकना:

  • तवा गर्म करें और उस पर रोटी डालें।

  • जब रोटी के ऊपर छोटे बुलबुले दिखने लगें, तो पलट दें।

  • दूसरी तरफ से भी कुछ सेकंड बाद पलटें और सूती कपड़े या चिमटे से हल्का दबाते हुए सेंकें।

  • जैसे-जैसे आप दबाते जाएंगे, रोटी फूलेगी।

5. सर्व करना:

  • फूली हुई गरम-गरम रोटी को घी या मक्खन के साथ परोसें।

  • इसे सब्ज़ी, दाल या रायते के साथ खाया जा सकता है।

टिप्स (Tips for Puffing Roti Perfectly):

  • आटा जितना अच्छे से गूंथा जाएगा, रोटी उतनी फूलेगी।

  • तवा बहुत ज़्यादा गर्म या बहुत ठंडा नहीं होना चाहिए।

  • बेलते समय रोटी में दरारें नहीं होनी चाहिए।

  • सेंकते समय रोटी को बराबर दबाव से दबाएं, जिससे वह फूले।

फूली-फूली रोटी केवल एक व्यंजन नहीं बल्कि भारतीय रसोई की शान है। यह दर्शाती है कि आपकी कुकिंग में कितना संतुलन और अनुभव है। रोज़ाना की खाने की थाली में अगर रोटी फूली हुई हो, तो खाने का स्वाद दोगुना हो जाता है।

🧾 फूली रोटी न फूलने के कारण और उनके समाधान:

1. आटा ठीक से नहीं गूंथा गया

❌ समस्या: अगर आटा बहुत सख्त या बहुत ढीला है, तो रोटी नहीं फूलती।
✅ समाधान: आटे को ना बहुत टाइट और ना बहुत ढीला गूंथें। नरम और लोचदार आटा सबसे उपयुक्त होता है।

2. आटे को पर्याप्त समय नहीं दिया गया

❌ समस्या: गूंथने के तुरंत बाद रोटी बेलने से आटा रेस्ट नहीं करता।
✅ समाधान: आटे को कम से कम 15–20 मिनट तक ढककर रखें ताकि उसमें लचीलापन आ जाए।

3. रोटी की मोटाई असमान होना

❌ समस्या: अगर रोटी एक तरफ मोटी और दूसरी तरफ पतली हो तो वो ठीक से फूलती नहीं।
✅ समाधान: बेलते समय रोटी को बराबर मोटाई में बेलें।

4. तवा ज़्यादा गरम या ठंडा होना

❌ समस्या: बहुत गरम तवे पर रोटी जल जाएगी और ठंडे तवे पर ठीक से नहीं पकेगी।
✅ समाधान: मध्यम आंच पर तवा गर्म करें। रोटी डालने से पहले हल्का पानी छिड़ककर जांच सकते हैं – अगर पानी तुरंत सूख जाए, तवा तैयार है।

5. रोटी पलटने का समय गड़बड़ होना

❌ समस्या: रोटी को जल्दी या देर से पलटने से वह फूलने का मौका खो देती है।
✅ समाधान: पहली साइड पर छोटे बुलबुले आने के बाद पलटें, फिर दूसरी साइड हल्की सिकने के बाद फिर पलटें और कपड़े या चिमटे से दबाएं।

6. तवे पर रोटी न घुमाना

❌ समस्या: एक ही जगह पर रोटी सेंकने से वह फूलती नहीं।
✅ समाधान: रोटी को हल्के-हल्के दबाते हुए इधर-उधर घुमाएं ताकि गर्मी बराबर मिले।

फूली हुई रोटी एक अभ्यास और अनुभव का फल है। अगर ऊपर बताए गए छोटे-छोटे बिंदुओं पर ध्यान देंगे, तो निश्चित ही आपकी रोटियाँ रोज़ फूलेगी और सब तारीफ करेंगे।

ऐसी और भी रेसिपीज़  के लिए हमारे साथ जुड़े रहें! Khabari bandhu पर पढ़ें देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरें — बिज़नेस, एजुकेशन, मनोरंजन, धर्म, क्रिकेट, राशिफल और भी बहुत कुछ।

Leave a Comment

Exit mobile version