देश की सीमाओं की सुरक्षा और नागरिकों की आपातकालीन स्थिति में तैयारी की जांच के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित “ऑपरेशन शील्ड” के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन 29 मई 2025 को होना था। यह अभ्यास विशेष रूप से पाकिस्तान से सटे राज्यों — गुजरात, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू और हरियाणा — में किया जाना था, ताकि युद्ध जैसी स्थितियों या हवाई हमलों के दौरान नागरिक सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता का मूल्यांकन किया जा सके। हालांकि, प्रशासनिक कारणों से इस मॉक ड्रिल को कुछ राज्यों में स्थगित कर दिया गया है। यह फैसला अचानक लिया गया, जिससे कई राज्यों में तैयारियों को रोक दिया गया है। इस रिपोर्ट में जानिए किन राज्यों में मॉक ड्रिल टली है, कहाँ होगी तय समय पर, और इसके पीछे की पूरी पृष्ठभूमि।
मुख्य बिंदु:
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स्थगन के कारण: अधिकारियों ने “प्रशासनिक कारणों” का हवाला देते हुए मॉक ड्रिल को स्थगित किया है।
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हरियाणा में स्थिति: हरियाणा में 29 मई को शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक राज्यव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी 22 जिलों में अभ्यास किया जाएगा। इस दौरान हवाई हमलों और ड्रोन हमलों जैसी स्थितियों की प्रतिक्रिया का परीक्षण किया जाएगा, और रात 8 बजे से 15 मिनट का ब्लैकआउट भी किया जाएगा।
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पंजाब में नई तारीख: पंजाब सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया है कि मॉक ड्रिल को 3 जून को आयोजित किया जाए, क्योंकि उनके नागरिक सुरक्षा कर्मचारी वर्तमान में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के प्रशिक्षण में व्यस्त हैं। केंद्र ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।
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पृष्ठभूमि: यह मॉक ड्रिल 7 मई को आयोजित “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद की जा रही थी, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर की गई थी।
निष्कर्ष:
“ऑपरेशन शील्ड” के तहत आयोजित की जाने वाली नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल को गुजरात, राजस्थान, चंडीगढ़, जम्मू और हरियाणा में प्रशासनिक कारणों से स्थगित कर दिया गया है। नई तारीखों की घोषणा जल्द ही की जाएगी। हरियाणा में यह अभ्यास निर्धारित समय पर आयोजित किया जाएगा, जबकि पंजाब में इसे 3 जून को आयोजित किया जाएगा।
“ऑपरेशन शील्ड” मॉक ड्रिल का स्थगन यह दर्शाता है कि सुरक्षा संबंधी अभ्यासों के संचालन में कई प्रशासनिक और स्थानीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जहां एक ओर यह ड्रिल सीमावर्ती राज्यों की नागरिक सुरक्षा तैयारियों की वास्तविक परीक्षा थी, वहीं दूसरी ओर स्थगन के फैसले से यह स्पष्ट होता है कि तैयारी के साथ-साथ समय और संसाधनों का समन्वय भी आवश्यक है। हालांकि कुछ राज्यों में यह अभ्यास निर्धारित तिथि पर ही आयोजित होगा, अन्य राज्यों में नई तारीखों की प्रतीक्षा है। इस प्रकार, आने वाले दिनों में इन अभ्यासों के माध्यम से न केवल एजेंसियों की क्षमता का परीक्षण होगा, बल्कि आम नागरिकों में भी आपदा या आपातकाल के प्रति जागरूकता और सतर्कता बढ़ेगी।
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