भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम जो हमेशा चर्चा में रहता है — ऋषभ पंत। चाहे वह विस्फोटक बल्लेबाज़ी हो, मुश्किल परिस्थितियों में टीम को जीत दिलाना हो, या मैदान पर अपनी ज़बरदस्त ऊर्जा और जुझारूपन से सबको मंत्रमुग्ध कर देना हो — पंत हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार वह एक बार फिर खबरों में हैं, लेकिन केवल अपने खेल के कारण नहीं, बल्कि अपने बदले हुए रवैये, परिपक्व सोच और मैदान पर निभाई गई अहम रणनीतिक भूमिकाओं के कारण।

हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में उनके प्रदर्शन ने ना सिर्फ़ आंकड़े बनाए बल्कि यह भी साबित कर दिया कि अब वह सिर्फ़ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि टीम इंडिया के लिए एक रणनीतिक स्तंभ बनते जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिर क्यों ऋषभ पंत एक बार फिर हर अखबार, चैनल और सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।
“तीस हज़ार” टेस्ट रन का कीर्तिमान:
-
शीर्ष विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में ऋषभ पंत ने टेस्ट क्रिकेट में कम से कम 3000 रन पूरे कर लिए हैं। यह उपलब्धि उन्होंने केवल 76 पारियों में हासिल की, जो किसी भी अन्य एशियाई विकेटकीपर-बल्लेबाज़ से तेज़ी से है।
-
इसरोशन में वह MS धोनी और कुमार संघकारा जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए एशियाई क्रिकेट इतिहास में अग्रणी बन चुके हैं ।
इंग्लैंड दौरे की पहली टेस्ट सीरीज़: हेडिंग्ले पर धमाकेदार शुरुआत:
-
इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में पंत ने अपनी बल्लेबाज़ी से कहर बरपाया, नाबाद 65 रन बनाना अपने आप में एक रोमांचक पारी थी ।
-
दूसरी ओर, उन्होंने बेन स्टोक्स के एक शुरुआती “जोक” पर आक्रामक पारी खेल कर उनका मुंह बंद कर दिया — केवल दूसरी गेंद पर चौका लगाकर।
खिलाड़ी बन रहे सलाहकार:
-
पंत को अक्सर तेज़-तर्रार, बोल्ड खिलाड़ी के रूप में देखा जाता है। परंतु, हेडिंग्ले टेस्ट के अंतिम सत्र में उन्होंने कप्तान शुभमन गिल को “नीचे ही रह” कहकर सावधानी बरतने की सलाह दी ।
-
यह पल क्रिकेट जगत के लिए किसी खुलासा से कम नहीं था — एक खिलाड़ी जहाँ एक तरफ बेबाक पारी खेलने में माहिर है, वहीं दूसरी ओर वह मैच प्रबंधन, रणनीति और स्थिति के अनुकूल व्यवहार की समझ भी दिखाने लगा है।
वरिष्ठों से मिली तारीफ़:
-
पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने ट्विटर पर अश्लील टिप्पणी (जैसे “Stupid, stupid, stupid!”) के बाद अपनी राय बदलते हुए पंत की स्ट्राइक रोटेशन, समयबद्ध बल्लेबाज़ी और समझदारी की भूरि-भूरि प्रशंसा की ।
देश को खुश करने की चाह:
-
बजार की दहाड़ और विशेषकर अहमदाबाद विमान हादसे की त्रासदी (12 जून को Dreamliner दुर्घटना में 274 लोगों की मौत), के बीच टीम इंडिया और पंत ने इंग्लैंड दौरे को एक सामाजिक-आध्यात्मिक अभियान बना दिया है।
-
यह एक भावनात्मक मुकाम है जहाँ पंत चाहते हैं कि उनकी खेल उपलब्धि “देश को खुश देखने” का नया माध्यम बने।
हालिया चोट व संघर्ष का सफर:
-
हाल ही में चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी के दौरान पंत को घुटने पर चोट लगी थी, लेकिन जल्दी ही उन्होंने वापसी की ।
-
दिसंबर 2022 की कार दुर्घटना से गुज़रने के बाद (जिन्हें कई चोटें आई थीं — जैसे कि घुटने, टखने, कलाई), पंत ने दिखाया कि वे फिजिकल, मानसिक और इमोशनल संघर्ष के बावजूद क्रिकेट में वापस लौट सकते हैं ।
✍️ भावनात्मक परिपक्वता: कितना बदल गया रवैया?
पहलु | पहला स्वरुप | वर्तमान स्थिति |
---|---|---|
खेले जाने का अंदाज़ | पूरी ताक़त-झकड़ाहट से खेलना, ‘जोश’ जादू | ख़ामोश नियंत्रण, सामंजस्यपूर्ण रणनीति |
सामाजिक दायित्व | सिर्फ खेल मेरे लिए | बड़े दुख में देश के साथ खड़े होने की जिम्मेदारी |
अनुभव की गुणवत्ता | अघोषित खतरा, स्नेह के बीच | आत्म-विश्वास और स्थिरता से खेलने वाला खिलाड़ी |
आज ऋषभ पंत केवल एक विस्फ़ोटक बल्लेबाज नहीं हैं – बल्कि अग्रणी खिलाड़ी, संकट में देशवासी, मेडिटेट करियर मैनेजर, और भावनात्मक नेता भी बनते जा रहे हैं।
-
3000 टेस्ट रन जैसी उपलब्धियाँ, जो समयबद्ध और समझदारी से हासिल की गईं,
-
विकेटकीपिंग के साथ-साथ विकेट प्रबंधन, जहां उन्होंने कप्तानी की भूमिका भी निभाई,
-
जूझारू भावना और मजबूत मानसिक सहनशक्ति—ज़मीन से उठकर आसमान छूने का खेल उनका खास अंदाज़ रहा है।
-
परंतु, इन सबके बीच उनमें एक दया और समझदारी भी उमड़ी है — पिच पर सलाह देना, देश की पीड़ा पर ध्यान लगाना, और चोटों से उबरना — यह सब उनकी परिपक्वता का प्रतीक बन चुका है।

आगे क्या देखने को मिलेगा?
-
बांकी सीरीज में होने वाले उनके प्रदर्शन का विश्लेषण — क्या उनमें अब पारंपरिक बैलेंस देखने को मिलेगा या फिर कुछ और प्रयोग?
-
कोचिंग व कप्तानी के दृष्टिकोण से उनसे क्या उम्मीदें होंगी? गिल और पंत की जोड़ी कैसा योगदान देगी टीम इंडिया को?
-
उनकी फिटनेस पर नजर: कार दुर्घटना के बाद चोट से जूझने वाला खिलाड़ी अब निरंतर उपलब्ध रहता दिखेगा या नहीं?
कुल मिलाकर, जो रोमांच, रणनीति, परिपक्वता और देशभक्ति का मिश्रण हम ऋषभ पंत में आज देख रहे हैं, वही उन्हें इस समय सिर्फ ‘समाचार की वजह’ नहीं, बल्कि कहानी का केंद्र बना रहा है।
इतने वैश्विक स्तर पर दबाव, चोट और आलोचना के बीच भी पंत ने अपनी जगह खुद बनाई है — जो आज मदत करता है कि भविष्य में वे क्रिकेट और समाज में कैसे शामिल योगदान दे सकेंगे। इनके सफर में बस यही दुआ है कि देश उन्हें शीघ्र पुनः उम्मीदों की ऊँचाइयों पर देखें।
ऐसे और भी Sports टॉपिक के ऊपर लेखों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें! Khabari bandhu पर पढ़ें देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरें — बिज़नेस, एजुकेशन, मनोरंजन, धर्म, क्रिकेट, राशिफल और भी बहुत कुछ।
Thala For A Reason क्यों वायरल होता है एम.एस. धोनी का करिश्माई जादू ?