विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (World hypertension day) हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इसका मकसद है लोगों में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को लेकर जागरूकता बढ़ाना और इसकी रोकथाम, पहचान और सही नियंत्रण को बढ़ावा देना।इस साल, यह दिन अपनी 20वीं वर्षगांठ मना रहा है, और इसकी थीम है: “अपने रक्तचाप को सही तरीके से मापें, इसे नियंत्रित करें, लंबे समय तक जियें!” विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि दुनिया भर में 30 से 79 वर्ष की आयु के 1.2 बिलियन से ज़्यादा लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) क्या है?
उच्च रक्तचाप तब होता है जब आपके खून का दबाव आपकी धमनियों (blood vessels) पर लगातार बहुत ज्यादा होता है। अगर इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो यह आगे चलकर दिल का दौरा (Heart Attack), स्ट्रोक (Brain Stroke) जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ उच्च रक्तचाप को अक्सर “साइलेंट किलर” (खामोश हत्यारा) कहते हैं। क्योंकि ज़्यादातर लोगों को कोई लक्षण नहीं दिखते — ना दर्द, ना चक्कर, ना थकान। आप बिल्कुल ठीक महसूस करते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर यह आपके दिल, दिमाग और किडनी को नुकसान पहुंचा रहा होता है। इसलिए, जरूरी है कि आप समय-समय पर ब्लड प्रेशर चेक करवाएं।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे हाई ब्लड प्रेशर है?
एक ही तरीका है — अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाना। आपको भले ही कोई लक्षण महसूस न हों, लेकिन फिर भी ब्लड प्रेशर बढ़ा हो सकता है। इसलिए ज़रूरी है कि आप:
✅ साल में कम से कम एक बार
✅ या डॉक्टर की सलाह के अनुसार ब्लड प्रेशर की जांच जरूर करवाएं।
अगर आपका ब्लड प्रेशर ज़्यादा निकले तो?
डॉक्टर आपको खानपान में सुधार (कम नमक, ज़्यादा फल-सब्ज़ियाँ), नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब से बचाव,तनाव कम करना ये सलाह दे सकते हैं
उच्च रक्तचाप के संकेत और लक्षण क्या हैं?
ज्यादातर मामलों में – कोई लक्षण नहीं होते इसलिए डॉक्टर इसे “साइलेंट किलर” कहते हैं। कई लोग सालों तक हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित रहते हैं, लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चलता।
कब लक्षण दिख सकते हैं?
जब ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है — जैसे कि 180/120 mmHg या उससे ज्यादा, तब कुछ लक्षण दिख सकते हैं: तेज़ सिरदर्द, दिल की धड़कन तेज़ होना, नाक से खून आना,सामान्य से ज्यादा और अचानक पसीने आना,धुंधला नज़र आना,अचानक से ज्यादा प्यास लगना
उच्च रक्तचाप के क्या कारण हैं?
- अस्वास्थ्यकर भोजन पद्धति (जिसमें सोडियम युक्त आहार भी शामिल है)।
- शारीरिक गतिविधि का अभाव.
- अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का अधिक सेवन
क्या उच्च रक्तचाप आनुवांशिक (जेनेटिक) होता है?
शोधकर्ताओं का मानना है कि जीन और जीवनशैली, दोनों मिलकर इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं। अगर आपके माता-पिता, भाई-बहन या परिवार के किसी और सदस्य को हाई ब्लड प्रेशर है, तो आपको भी यह होने का जोखिम ज़्यादा हो सकता है।
किन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा ज़्यादा होता है?
कुछ खास कारक ऐसे हैं जो उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) का खतरा बढ़ा सकते हैं। आइए इन्हें आसान भाषा में समझते हैं:
कारक जो आप कंट्रोल नहीं कर सकते (Non-modifiable risk factors):
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👪 परिवार में किसी को ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी या डायबिटीज होना
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🎂 55 साल से अधिक उम्र
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🧑🏿🦱 काली त्वचा (ब्लैक रेस/एथनिसिटी) – इनमें जोखिम थोड़ा ज़्यादा पाया गया है
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🩺 कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ, जैसे:
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क्रोनिक किडनी रोग
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मेटाबोलिक सिंड्रोम
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ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
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थायरॉइड की बीमारी
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कारक जो आप कंट्रोल कर सकते हैं (Modifiable risk factors):
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⚖️ अधिक वजन या मोटापा
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🛋️ शारीरिक गतिविधि की कमी (कम चलना-फिरना)
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🧂 ज्यादा नमक (सोडियम) वाला खाना
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🚬 धूम्रपान या तंबाकू का सेवन
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बहुत ज़्यादा शराब पीना
ब्लड प्रेशर के स्तर (रक्तचाप की श्रेणियाँ):
1. सामान्य ब्लड प्रेशर (Normal BP)
रक्तचाप 120/80 mmHg से कम
👉 यह आदर्श है। स्वस्थ दिल और शरीर के लिए इसे बनाए रखें।
2. थोड़ा बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर (Elevated BP)
ऊपरी संख्या: 120–129 mmHg
निचली संख्या: 80 mmHg से कम
👉 अभी कोई खतरा नहीं, लेकिन सतर्क रहें और जीवनशैली सुधारें।
3. स्टेज 1 हाई ब्लड प्रेशर (Stage 1 Hypertension)
ऊपरी संख्या: 130–139 mmHg
या
निचली संख्या: 80–89 mmHg
👉 डॉक्टर लाइफस्टाइल बदलाव या कभी-कभी दवाओं की सलाह दे सकते हैं।
4. स्टेज 2 हाई ब्लड प्रेशर (Stage 2 Hypertension)
🩺 ऊपरी संख्या: 140 mmHg या उससे ज़्यादा
या
🩺 निचली संख्या: 90 mmHg या उससे ज़्यादा
👉 अब खतरा ज़्यादा है। तुरंत डॉक्टर की सलाह और इलाज ज़रूरी है ।
✅ उच्च रक्तचाप से बचाव के लिए क्या करें (Do’s):
✔️ करें | विवरण |
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🩺 नियमित ब्लड प्रेशर जांच | समय-समय पर चेकअप ज़रूरी है, भले ही आप ठीक महसूस कर रहे हों |
🥗 हेल्दी डाइट | फल, सब्ज़ियाँ, कम नमक और कम वसा वाला खाना लें |
🚶♂️ रोज़ाना व्यायाम | कम से कम 30 मिनट चलना, योग या हल्की कसरत करें |
😌 तनाव कम करें | ध्यान, मेडिटेशन और अच्छी नींद लें |
🚱 शराब सीमित करें | बहुत ज़्यादा शराब से बचें |
📚 जानकारी रखें | हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी जानकारी अपने पास रखें |
❌ उच्च रक्तचाप को बढ़ाने वाली चीज़ें (Don’ts):
❌ न करें | विवरण |
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🚬 तंबाकू/स्मोकिंग | धूम्रपान ब्लड प्रेशर और दिल दोनों को नुकसान पहुंचाता है |
🍟 ज़्यादा नमक और तली-भुनी चीज़ें | ये आपके BP को बढ़ा सकते हैं |
🛋️ एक जगह बैठे रहना | बहुत ज़्यादा बैठना भी रिस्क बढ़ाता है |
🥴 नींद की अनदेखी | पूरी और गहरी नींद लें |
❗ नियमित चेकअप टालना | लक्षण न होने पर भी जांच ज़रूरी है |
अगर उच्च रक्तचाप(हाई ब्लड प्रेशर) का इलाज न हो तो क्या हो सकता है?
अगर उच्च रक्तचाप को लंबे समय तक अनदेखा किया जाए, तो यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है:
🚨 संभावित जटिलताएं:
🔴 समस्या | क्या हो सकता है? |
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❤️ दिल की बीमारियाँ | जैसे दिल का दौरा (Heart Attack) और कोरोनरी धमनी रोग (दिल तक खून ले जाने वाली नसें संकरी हो जाती हैं) |
ब्रेन स्ट्रोक | बहुत ऊँचा ब्लड प्रेशर मस्तिष्क में खून की सप्लाई बाधित कर सकता है, जिससे आघात (Stroke) हो सकता है |
परिधीय धमनी रोग (PAD) | टांगों में खून की सप्लाई कम हो जाती है, जिससे दर्द, सुन्नता और चलने में तकलीफ हो सकती है |
गुर्दे की समस्या | हाई BP गुर्दों को नुकसान पहुंचा सकता है और स्थिति बिगड़कर किडनी फेलियर भी हो सकता है |
आँखों की क्षति | ब्लड प्रेशर बहुत ज़्यादा होने से आंखों की नसें फट सकती हैं, जिससे दृष्टि कमजोर हो सकती है |
गर्भावस्था में खतरे | गर्भवती महिलाओं में हाई BP से माँ और बच्चे दोनों की सेहत खतरे में पड़ सकती है |
स्मृति और सोचने की शक्ति पर असर | लंबे समय तक हाई BP रहने से संवहनी मनोभ्रंश (vascular dementia) हो सकता है – यानी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर पड़ना |
💓 उच्च रक्तचाप कम करने के आसान और असरदार तरीके (बिना दवा के)
क्या आप सोच रहे हैं कि दवा लिए बिना ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है?
तो जवाब है – हाँ! अगर आपका बीपी थोड़ा ज़्यादा है (जैसे स्टेज 1 हाई बीपी), तो डॉक्टर जीवनशैली में बदलाव की सलाह देते हैं। यहाँ कुछ प्राकृतिक और असरदार उपाय दिए गए हैं जो आप आज से ही अपनाना शुरू कर सकते हैं:
1. हेल्दी वजन बनाए रखें
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अगर आपका वजन ज़्यादा है, तो थोड़ा भी वज़न कम करने से ब्लड प्रेशर घट सकता है।
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डॉक्टर आपके लिए आदर्श वजन की सीमा बता सकते हैं।
2. अच्छा और संतुलित खाना खाएं:
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DASH डाइट को अपनाएं – इसमें शामिल हैं:
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🍎 फल और सब्ज़ियाँ
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🌾 साबुत अनाज (whole grains)
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🥛 कम फैट वाला दूध या दही
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तले-भुने और जंक फूड से बचें।
3. नमक कम खाएं
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कोशिश करें कि रोज़ 1,500 mg से ज़्यादा सोडियम (नमक) न लें।
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शुरुआत में 1,000 mg तक कम करना भी फ़ायदे का सौदा है।
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प्रोसेस्ड फूड और नमकीन स्नैक्स से बचें।
4. पोटैशियम ज़रूर लें
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पोटैशियम शरीर से एक्स्ट्रा सोडियम बाहर निकालने में मदद करता है।
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इसमें शामिल हैं:
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केला 🍌
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आलू (छिलके सहित)
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एवोकाडो
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टमाटर 🍅
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सप्लीमेंट्स के बजाय नैचुरल फूड्स से लें।
5. रोज़ाना थोड़ा व्यायाम करें
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धीरे-धीरे शुरुआत करें — जैसे कि:
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30 मिनट की वॉक
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साइकिलिंग
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डांस या योगा
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हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्टिविटी करें।
6. शराब सीमित करें
अगर आप शराब पीते हैं, तो इसे सीमित मात्रा में ही लें।
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पुरुष: 1–2 ड्रिंक/दिन
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महिलाएं: 1 ड्रिंक/दिन से ज़्यादा नहीं
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7. डॉक्टर की सलाह मानें
कभी-कभी, सिर्फ लाइफस्टाइल बदलाव काफी नहीं होता, तो डॉक्टर दवा + हेल्दी आदतों की सलाह दे सकते हैं।
क्या मैं उच्च रक्तचाप(हाई ब्लड प्रेशर) को रोक सकता हूँ?
हाँ, बिल्कुल! कुछ अच्छी आदतें अपनाकर आप हाई बीपी होने से बच सकते हैं या इसका जोखिम बहुत हद तक कम कर सकते हैं। हाई बीपी से बचने के लिए अपनाएं ये 6 आसान आदतें:
1. हेल्दी डाइट लें (DASH डाइट)
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अपने खाने में भरपूर शामिल करें:
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🍎 फल
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सब्ज़ियाँ
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🌾 साबुत अनाज
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तले-भुने और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
2. नमक कम खाएं:
- दिनभर में 1,500 मिलीग्राम से कम सोडियम लें।
👉 टिप: पैकेट वाले नमकीन स्नैक्स, अचार और रेडी-टू-ईट चीज़ों से दूरी बनाएं।
3. हेल्दी वजन बनाए रखें
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ज़रूरत से ज़्यादा वजन भी बीपी बढ़ाने का कारण बनता है।
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थोड़ा भी वजन घटाने से फर्क पड़ता है — बस शुरूआत करें!
4. सक्रिय रहें — रोज़ चलें-फिरें
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हर दिन 30 मिनट की वॉक या हल्का व्यायाम करें।
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सीढ़ियाँ चढ़ें, योग करें या डांस करें — जो भी अच्छा लगे!
5. शराब सीमित करें:
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महिलाएं: दिन में 1 ड्रिंक से ज़्यादा न लें
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पुरुष: दिन में 2 ड्रिंक से ज़्यादा नहीं
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👉 1 ड्रिंक = 1 औंस शराब / 5 औंस वाइन / 12 औंस बीयर
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6. धूम्रपान बंद करना: धूम्रपान छोड़ना आवश्यक है क्योंकि धूम्रपान रक्तचाप बढ़ाता है और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
💡 स्मार्ट टिप्स:
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खाने में नींबू, लहसुन और हर्ब्स का इस्तेमाल करें – स्वाद भी बढ़ेगा और नमक की जरूरत घटेगी।
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हर हफ्ते अपनी एक्टिविटी और डाइट का रिव्यू करें – छोटे कदम बड़ा असर डालते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) कम करने की दवाएँ:
जब जीवनशैली में बदलाव से ब्लड प्रेशर कंट्रोल नहीं होता, तो डॉक्टर कुछ खास दवाएं लिखते हैं जो अलग-अलग तरीकों से बीपी को कम करने में मदद करती हैं।
1. मूत्रवर्धक (Diuretics):
👉 इन्हें अक्सर “वॉटर पिल्स” कहा जाता है।
यह दवा शरीर में जमा अतिरिक्त नमक और पानी को बाहर निकालती है, जिससे बीपी कम होता है।
2. बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-blockers):
यह दवाएं दिल की धड़कन को धीमा करती हैं और दिल को आराम देती हैं, जिससे बीपी घटता है।
3. ACE इनहिबिटर्स (ACE Inhibitors):
ये दवाएं शरीर में एक खास रसायन को ब्लॉक करती हैं जो ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।
👉 इससे धमनियाँ चौड़ी होती हैं और बीपी कम होता है।
4. ARBs (Angiotensin II Receptor Blockers)::
ये भी ACE इनहिबिटर्स की तरह ही काम करते हैं लेकिन थोड़े अलग तरीके से।
👉 ये ब्लड वेसल्स को रिलैक्स करके बीपी कम करते हैं।
5. कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium Channel Blockers)
🩺 यह दवाएं दिल और रक्त वाहिकाओं को आराम देती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर नीचे आता है।
📌 याद रखें:
उच्च रक्तचाप के लिए यह कथन सत्य है कि”रोकथाम इलाज से बेहतर है!”
जो आदतें आप अपनाएँगे, वो आपके दिल और सेहत को लंबे समय तक सुरक्षित रखेंगी।
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