इतिहास भी और स्वाद भी,आइये बनाते है आलू-बीन्स की तरी वाली सब्ज़ी

आलू-बीन्स की तरी वाली सब्ज़ी: सन् 1600 के आस-पास की बात है। पुर्तग़ाली व्यापारी जब पहली बार भारत आए, तो अपने साथ बहुत सारी चीज़ें लाए — मसाले, कपड़े, और कुछ अजीब-सी सब्ज़ियाँ। उन्हीं में एक था — आलू

शुरुआत में लोग इसे खाने से डरते थे। कहते थे, “मिट्टी के नीचे उगने वाला ये फल कैसे खाया जा सकता है?” लेकिन धीरे-धीरे पुर्तगालियों ने गोवा और पश्चिमी भारत में इसे उगाना शुरू किया।

कुछ दशक बाद, बीन (हरी फली) भी यूरोप से भारत आई। अंग्रेज़ों के ज़माने में ये सब्ज़ियाँ आम होने लगीं। फिर भारतीय रसोइयों ने ऐसा जादू किया कि ये विदेशी सब्ज़ियाँ देसी बन गईं — मसालों, तरी और तड़कों से लिपटी हुई।

आलू-बीन्स की तरी वाली सब्ज़ी
          आलू-बीन्स की तरी वाली सब्ज़ी

आज जो हम आलू-बीन्स की तरी वाली सब्ज़ी खाते हैं, वो सिर्फ़ एक स्वाद नहीं, सदियों की कहानी है — एक यात्रा जो भारत की रसोई तक आई और यहीं की होकर रह गई। तो चलिए बनाते है इस खास रेसिपी को।

आलू-बीन्स की तरी वाली सब्ज़ी के लिए सामग्री:

  • हरी बीन्स (फली) – 200 ग्राम (कटी हुई)

  • आलू – 2 मध्यम आकार के (कटे हुए)

  • टमाटर – 2 (बारीक कटे या प्यूरी बनाएँ)

  • प्याज़ – 1 (बारीक कटा हुआ)

  • अदरक-लहसुन का पेस्ट – 1 चम्मच

  • हरी मिर्च – 1-2 (बारीक कटी)

  • हल्दी पाउडर – 1/2 चम्मच

  • लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच

  • धनिया पाउडर – 1 चम्मच

  • गरम मसाला – 1/2 चम्मच

  • जीरा – 1/2 चम्मच

  • नमक – स्वादानुसार

  • तेल – 2-3 चम्मच

  • पानी – 1-1.5 कप (तरी के लिए)

  • हरा धनिया – सजाने के लिए

विधि:

  1. तेल गरम करें: एक कड़ाही या कुकर में तेल गरम करें। उसमें जीरा डालें और हल्का तड़कने दें।

  2. प्याज़ भूनें: अब उसमें प्याज़ डालें और सुनहरा होने तक भूनें। फिर अदरक-लहसुन का पेस्ट और हरी मिर्च डालें और भूनें।

  3. मसाले डालें: टमाटर डालें, फिर हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर और नमक डालें। मसाला तब तक भूनें जब तक तेल अलग न हो जाए।

  4. सब्ज़ी डालें: अब कटे हुए आलू और बीन्स डालें। 2-3 मिनट तक मसाले में भूनें।

  5. पानी डालें: ज़रूरत के अनुसार पानी डालें (तरी जितनी चाहिए)। ढककर मध्यम आँच पर 10-12 मिनट तक पकाएँ (या कुकर में 2 सीटी लें) जब तक आलू और बीन्स नरम न हो जाएँ।

  6. गरम मसाला और धनिया: पक जाने के बाद गरम मसाला और हरा धनिया डालें।

परोसने का सुझाव:

इस सब्ज़ी को रोटी, पराठा या चावल के साथ गर्मागर्म परोसें।

आलू-बीन की तरी वाली सब्ज़ी सिर्फ़ एक साधारण व्यंजन नहीं है, बल्कि यह भारतीय रसोई की रचनात्मकता और सांस्कृतिक अपनत्व का एक सुंदर उदाहरण है। विदेशी मूल की इन सब्ज़ियों को भारतीय मसालों और स्वादों के साथ इस तरह जोड़ा गया है कि वे अब हमारी रोज़मर्रा की थाली का अभिन्न हिस्सा बन चुकी हैं।

इसमें ज़्यादा तामझाम नहीं है — सिर्फ़ प्यार, ताज़गी, और सही मसालों का संतुलन है।
अगर आप रोज़ की थाली में कुछ हल्का, पौष्टिक और स्वादिष्ट चाहते हैं, तो ये सब्ज़ी एकदम परफेक्ट है।

याद रखिए, खाना सिर्फ पेट नहीं भरता — वो दिल से जुड़ता है। और ये सब्ज़ी, सीधे दिल को छू जाती है।”

इस रेसिपी को बनाते समय आप न सिर्फ़ एक स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं, बल्कि इतिहास की उन परतों को भी महसूस करते हैं, जिनके जरिए ये सब्ज़ियाँ हमारी रसोई तक पहुँचीं। तो अगली बार जब आप आलू-बीन की सब्ज़ी बनाएं, तो उसमें सिर्फ़ मसाले नहीं, बल्कि थोड़ी सी कहानी, संस्कृति और इतिहास भी मिलाएँ।

स्वाद में छुपा है एक सफर — मिट्टी से थाली तक। 🌱🍛

बिना भूक के भी पांच रोटी खजायेंगे अगर ऐसे बनाएंगे आलू बीन्स की सब्ज़ी | Beans Aloo Ki Sabzi | Beans

मर्दों को यह क्यों पसंद आती है?

  • आलू की मलाईदार और भरपूर टेक्सचर उन्हें भाता है।

  • बीन्स की हल्की-सी कुरकुराहट से स्वाद बढ़ता है।

  • तरी वाली सब्ज़ी होने की वजह से इसे चावल या रोटी दोनों के साथ आसानी से खाया जा सकता है।

  • यह सब्ज़ी पेट को जल्दी संतुष्ट करती है और हज़म भी आसान होता है।

कुछ मर्दों के लिए खास:

  • खेत-खलिहान में काम करने वाले मर्द

  • कड़ी मेहनत करने वाले मजदूर

  • ऑफिस के बाद घर में आराम से खाना पसंद करने वाले

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